कालाअंब, 03 जुलाई : प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में बढ़ते प्रदूषण व अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीण अब प्रशासन के दरबार में पहुंच गए है। बुधवार को ग्रामीण जिला परिषद सदस्य के साथ मिलकर 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर नाहन पहुंचे और डीसी सिरमौर सुमित खिमटा को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मांग की है कि 10 दिन के भीतर समस्याओं का समाधान किया जाए, अन्यथा वे डीसी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे।
स्थानीय निवासी दिनेश अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में गंदगी और प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। उद्योगों द्वारा सड़क पर कचरा फेंका जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोहा उद्योगों से निकलने वाला धुआं वाहन चालकों और स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि उद्योगों की गंदगी वार्डों और गांवों में बिखरी पड़ी है। थोड़ी सी बारिश में ही उद्योगों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। इस कारण ग्रामीणों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र से करोड़ों रुपए का राजस्व सरकार को जाता है, लेकिन स्थानीय लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही उचित कदम उठाए जाएं।
ग्रामीणों ने कालाअंब से त्रिलोकपुर सड़क की खस्ताहाल स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यहां पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध माता बालासुंदरी मंदिर के बावजूद सड़क की हालत सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 10 दिनों के बाद बड़ी संख्या में लोग डीसी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। प्रशासन से जल्द ही समस्याओं के समाधान की मांग की गई है।