नाहन, 16 जून : बहुचर्चित हैड कांस्टेबल जसवीर सैनी के वायरल वीडियो का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। लगातार सुर्खियां में बना हुआ है। जसवीर सैनी के मिलने के बाद अब मामला और ज्यादा तूल पकड़ने लगा है। रविवार को नाहन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान समाजसेवी नाथूराम चौहान ने सीआईडी की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए।
नाथूराम चौहान ने कहा कि जसवीर के मिलने के बाद शुक्रवार को सीआईडी (CID) के डीआईजी डीके चौधरी द्वारा एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान उनके साथ एएसपी व डीएसपी के अलावा पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आया कि पुलिस अधीक्षक इस पत्रकार वार्ता में क्यों बैठे थे? जबकि आरोप सीधा-सीधा उन पर ही लगे है।
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नाथूराम चौहान ने बताया कि जब मुख्यमंत्री के आदेश थे कि जिला पुलिस जांच में शामिल नहीं होगी तो वह डीआईजी के साथ क्यों मौजूद रहे। इतना ही नहीं पत्रकारों के सवालों के जवाब भी पुलिस अधीक्षक दे रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) के दौरान एसपी रमन कुमार मीणा बार-बार डीआईजी के कान में बता रहे थे,क्या बोलना है । पत्रकार वार्ता में सिरमौर के पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि पत्रकार वार्ता पूर्व “सुनियोजित”थी। पत्रकार वार्ता में डीआईजी (DIG) कम और पुलिस अधीक्षक (SP) ज्यादा बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जसवीर सैनी को ढूंढने के लिए जिन पांच एसआईटी टीमों का गठन किया गया था,लेकिन उनमे से कोई भी सदस्य पत्रकार वार्ता में मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि जसवीर सैनी जब मिला चुका है तो उसे मीडिया (Media) के सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है, ताकि पता चलता कि मिलने के समय उसकी हालत क्या थी। उन्होंने कहा कि जब आरोप लगते है तो पुलिस के शीर्ष से शीर्ष अधिकारियों पर भी जांच होती है। इस दौरान उन्होंने हिमाचल पुलिस के पूर्व डीजीपी संजय कुंडू की तरफ इशारा किया, जिसमें एक कारोबारी ने उन पर आरोप लगाये थे। जांच के दौरान तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू को पद से भी हटाया गया था।
वही, नाथूराम चौहान ने एक वीडियो (Vira Video) को भी मीडिया के समक्ष पेश किया, जिसमें कथित तौर पर कालाअंब में पीड़ित पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष से मारपीट की जा रही है।