नाहन, 15 मई : सिरमौर पुलिस के हैड कांस्टेबल जसवीर सैनी के वायरल वीडियो मामले में अब एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। शुक्रवार देर रात को सीआईडी की टीम को जसवीर सैनी हरियाणा के नारायणगढ़ के समीप एक ट्यूबवेल पर लेटे हुए मिला, जिसके बाद उसे नाहन लाया गया। चूंकि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी, लिहाजा उसे मेडिकल चैकअप के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
डीआईजी डीके चौधरी ने शनिवार को नाहन में पत्रकारों से बातचीत की, जिसमें एसपी रमन कुमार मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा, डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर और डीएसपी पांवटा साहिब आदिति सिंह भी मौजूद रही। डीआईजी डीके चौधरी ने कहा कि हेड कांस्टेबल जसवीर मिल गया है, लेकिन अभी जसवीर के बयान कलमबद्ध नहीं हो पाए हैं। जल्द ही उनके बयान लिए जाएंगे।
DIG चौधरी ने बताया कि पुलिस जवान को ढूंढने के लिए मोबाइल ही आधार बना। उन्होंने बताया कि आजकल के परिपेक्ष्य में संभव ही नहीं है कि कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन से ज्यादा देर तक दूर रह सके। हालांकि जसवीर अपना फ़ोन कालाअंब थाने में ही छोड़ गया था, लेकिन वह अपने परिजनों के संपर्क में था। उनके परिजनों व रिश्तेदारों पर जब दबाव डाला गया तो जसवीर के बारे में पता लगा। सीआईडी को जैसे ही जसवीर के नारायणगढ़ होने की सूचना मिली तो शुक्रवार शाम ही पांवटा साहिब की डीएसपी अदिति सिंह कालाअंब से टीम के साथ मौके पर पहुंची, जहां से मुख्य आरक्षी की ढूढ़ निकाला गया।
ये हुए अहम खुलासे…
डीआईजी ने खुलासा किया कि जसवीर सिंह लापता नहीं था, बल्कि छिपा हुआ था। उन्होंने बताया कि जिस तरीके से वह कालाअंब थाने में अपना फ़ोन और गाड़ी छोड़कर भागा था, उससे यह नहीं कहा जा सकता कि वह लापता था। डीआईजी डॉ. डीके चौधरी ने मीडिया के सवाल पर यह भी माना की मामले में विभाग को खासा किरकिरी का सामना करना पड़ा। पुलिस जवान ने सीधे तौर पर पुलिस के आला अधिकारी पर आरोप लगाए हैं, जिससे पुलिस की छवि पर विपरित असर पड़ा है।
उन्होंने यह भी कहा कि मामले में बयान कलमबद्ध होने के बाद इस पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीआईजी ने कहा की मारपीट मामले की जांच भी अब सीआईडी ही कर रही है। आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इसी बीच मुख्य आरक्षी का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर मुख्य आरक्षी 45 हजार की रिश्वत की मांग कर रहा है। इस बारे में जब पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह ऑडियो किसी अन्य मामले से जुड़ा हुआ है। हैड कांस्टेबल जसवीर के खिलाफ एक व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत 17 मई को उन्हें सौंपी थी। शिकायत में जसवीर पर 45 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप लगाए गए थे।
इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा यह ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को दी गई थी। इस मामले में जांच का जिम्मा डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर को सौंपा गया था। प्रारंभिक तौर पर की गई जांच में आरोप सही पाए गए थे। इस पूरे मामले में मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है।
मारपीट मामले में एसपी का जवाब
ट्रैक्टर चालक के साथ हुई मारपीट के सवाल पर एसपी ने बताया कि इस मामले में जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें स्पष्ट दिख रहा है कि पंजाब के लोग किस प्रकार से सरेआम दिन दहाड़े एक युवक पर डंडे बरसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष हेड कांस्टेबल की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं था, जिसके चलते उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत पर हेड कांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन हेड कांस्टेबल ने कार्रवाई करने की बजाय वीडियो वायरल कर दिया।
मामले में आईपीसी की धारा 307 को शामिल करने के दबाव को लेकर पूछे हुए सवाल में एसपी ने कहा कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि हेड कांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे न की धारा 307 लगाने को कहा गया था। हैड कांस्टेबल ने ऐसा क्यों कहा इस पर भी जांच की जा रही है।