शिमला, 7 मई : हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की ओर से करवाई गई पीजी अंग्रेजी विषय की परीक्षा में चल रहे विवाद को लेकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। वीसी को सौंपी गई रिपोर्ट में फेल किए गए छात्रों को कोई राहत नहीं दी गई है। विवि प्रशासन ने इसमें अपनी किसी भी तरह की तकनीकी गलती नहीं मानी है। छात्रों को सिर्फ रिवैल्यूएशन के लिए अप्लाई करने को कहा गया है, उन्हें ग्रेस मार्क्स नहीं मिलेंगे। ऐसे में अब छात्रों को रिचेकिंग की फीस भी देनी होगी।
प्रत्येक स्टूडेंट को 600 रुपए प्रति पेपर फीस चुकानी होगी। अब सवाल ये उठ रहे कि विवि की तकनीकी गलतियों का खामियाजा सीधा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। बीते दिनों नवंबर 2023 में हुई पीजी की अंग्रेजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। इस दौरान संजौली और रामपुर कॉलेज के दर्जनों छात्रों को फेल किए गए। इसमें कई ऐसे स्टूडेंट भी थे, जो दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में मेरिट में रहे थे।
संजौली कॉलेज में एमए अंग्रेजी के थर्ड सेमेस्टर के रिजल्ट में महज एक ही छात्र पास हुआ। कुल 17 में से 16 छात्रों को फेल किया गया है। हालांकि, विवि प्रशासन सार्वजनिक तौर पर गलती मानने को तैयार नहीं है। रामपुर कॉलेज में भी इस तरह का रिजल्ट आया। यहां पर भी एमए अंग्रेजी के थर्ड सेमेस्टर में 40 में से महज चार ही छात्र-छात्राएं पास हुए हैं, जबकि 36 स्टूडेंट फेल किए गए हैं।
अधिकतर छात्र हुए हैं फेल
पीजी के एमए वर्ल्ड फिक्शन और ड्रामा सब्जेक्ट में सब स्टूडेंट को फेल किया गया है। हैरानी की बात ये है कि फर्स्ट और सेकंड सेमेस्टर के जो स्टूडेंट टॉपर थे, उन्हें थर्ड सेमेस्टर में फेल कर दिया। छात्र छात्राओं का कहना है कि विवि प्रशासन हर बार इस तरह से करता है। पहले सेमेस्टर में भी इसी तरह से हमें फेल कर दिया गया था। इसके बाद हमने जब आपत्ति जताई तो बाद में पेपर चेक करने और सर्वर को ठीक करने पर हमें पास कर दिया गया। उनका कहना है कि विवि प्रशासन को अपने सिस्टम में सुधार करना चाहिए, ताकि छात्रों को दिक्कतें न आए। @K1