कुल्लू,14 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर हर गांव में देवता विराजमान है। हिमाचल में देव परम्पराओं का आज भी वहन किया जाता है। जिसे देखकर हर कोई दंग भी रह जाता है। खास पेशकश में हम आपको कुल्लू जनपद की सैज घाटी के कनौन में बैसाखी मेले में निभाई गई एक अनूठी देव परम्परा से मुखातिब करवाने जा रहे है।
देवता बनशीरा ने दिया श्रद्धालुओं को बीट के रूप में दर्शन
घाटी के आराध्य देव ऋषि ब्रह्मा व देवी भगवती के रथों को हजारों श्रद्धालुओं ने रस्सी से खींच कर ऊंची चोटी पर स्थित वनशीरा देवता के मंदिर पर पहुंचाया। अंगरक्षक देवता बनशीरा के साथ देवी भगवती व ऋषि ब्रह्मा ने साल भर में घटने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में मंथन कर भविष्यवाणी कर हारियानों को सचेत भी किया। वहां पर देव हारियानों ने जंगल की लचकदार लकड़ियों से एक गोल रिंग बनाया, जिसे स्थानीय भाषा में “चैचा” कहते है। वहीं अंत में इसे एक ही व्यक्ति सैकड़ों लोगों में से छुड़ा कर ले जाता है। मान्यता है कि बनशीरा देवता उस व्यक्ति को पुत्र वरदान देता है।
शनिवार को देवता ब्रह्म ऋषि के रथ को पुरे लाव-लश्कर के साथ मंदिर से बाहर निकाला गया। देव खेल का निर्वाह कर देव हारियानों ने देवता के स्वर्ण रथ को रस्सी से खींच कर साथ लगते गांव कछैनी में देवी भगवती के मंदिर पंहुचाया। यहां ऋषि ब्रह्माजी भगवती महामाई का भव्य मिलन हुआ। देव मिलन को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे। देव प्रक्रिया के पश्चात कुल्लवी नाटी का आयोजन भी हुआ।
ये भी खास
सुदामा को अपने इष्ट मित्र भगवान कृष्ण से मिलने की चर्चा तो काफी सुनी गई है, लेकिन यहां कनौन में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ऋषि व देवी भगवती अपने अंगरक्षक शूरवीर देवता बनशीरा के पास मिलने की प्रथा है। ऊंची चोटी पर स्थित बनशीरा को जहां वनों की रक्षा का जिम्मा है। वहीं क्षेत्र की जनता की रक्षा का जिम्मा भी ऋषि ब्रह्मा ने बनशीरा के हाथों में दिया है। क्षेत्र की रक्षा व प्राकृतिक आपदाओं को टालने के लिए शनिवार को सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा व भगवती ने योद्धा देवता बनशीरा के साथ देव मंथन किया।
देवी भगवती के दरबार में भूत प्रेतों की परेड
बता दें कि इसी दिन महामाई भगवती का जन्मदिन भी होता है और ऐसे में भूत प्रेत पिशाच व अन्य बुरी आत्माओं से प्रभावित महिलाओं का देवी देव शक्ति से इलाज कर स्वस्थ करती है, वहीं कई सैकड़ों महिलाओं ने पुत्र प्राप्ति के लिए भी माता भगवती के दरबार में हाजिरी लगवाई। मान्यता है कि माता लक्ष्मी पुत्र प्राप्ति और धन प्राप्ति का वरदान देती है।