चंबा, 2 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के चंबा मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को नवजात शिशुओं की अदला-बदली के आरोप का सामना करन पड़ रहा है। इसको लेकर परिजनों ने मंगलवार को जमकर हंगामा किया। इसी बीच चिकित्सा अधीक्षक ने जांच के मकसद से कमेटी का गठन भी कर दिया है। कमेटी तीन दिन के भीतर एमएस को रिपोर्ट सौंपेंगी।
हालांकि, सीधे तौर पर प्रबंधन ने तस्दीक नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रारंभिक जांच में संतुष्टि न होने की सूरत में डीएनए टैस्ट की नौबत भी आ सकती है। चुराह से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत में कहा कि चंद रोज पहले उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। इसी दौरान भरमौर की एक महिला की भी डिलीवरी हुई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक जन्म के वक्त शिशु पूरी तरह से स्वस्थ था।
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आरोप हैं कि स्वस्थ बच्चे की अदला-बदली कर दी गई। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता की स्टाफ से बहस भी हुई थी। अदला-बदली का आरोप संगीन है, लिहाजा इसे मेडिकल प्रबंधन भी गंभीरता से ले रहा है। टीम में उप मेडिकल अधीक्षक, शिशु व महिला रोग विशेषज्ञों के अलावा वार्ड सिस्टर को भी शामिल किया गया है। इसी बीच मेडिकल अधीक्षक डाॅ. विपिन ठाकुर ने ये भी संकेत दिए हैं कि आवश्यकता की सूरत में नवजात शिशुओं का डीएनए करवाया जा सकता है।
हालांकि, दोनों ही महिलाओं की गोद में बेटों की किलकारी गूंजी थी। लिहाजा, ये आशंका खारिज हो जाती है कि बेटे को बेटी से बदला गया है। यहां स्वस्थ बच्चे को बदलने का आरोप है। गौरतलब है कि डीएनए की सैंपलिंग के लिए शिशु की उम्र न्यूनतम दिनों की होनी चाहिए। इसी के बाद सैंपल का मिलान जैविक माता-पिता से किया जा सकता है।