नाहन, 31 मार्च : हिमाचल प्रदेश के स्टार्टअप मुदितम आयुर्वेदा (Muditam Ayurveda) को देश के टॉप 20 में जगह बनाकर डंका बजाया है। रोचक बात है कि ये उपलब्धि पॉकेट फ्रेंडली करेला (Bitter Gourd Juice) का उत्पादन करने पर हासिल हुई है। 28 साल के अभय गुप्ता (Abhay Gupta) को आयुर्वेदा विरासत में मिला है। चौथी पीढ़ी में अभय ने शहर की सीमा को लांघ कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली है, ऐसा भी नहीं है कि लंबा वक्त लगा हो। महज दो साल से भी कम समय में मुकाम हासिल करने वाले अभय का लक्ष्य दुनिया भर में मधुमेह (Diabetes) के रोगियों तक “करेला” का जूस पहुंचाने का है।
हाल ही में दिल्ली के “भारत मंडपम” (Bharat Mandapam) प्रगति मैदान में आयोजित हुआ। स्टार्टअप (Startup) महाकुंभ में देश के करीब दो हजार स्टार्टअप का पंजीकरण हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम ने मूल्यांकन किया। इसमें टॉप 20 में मुदितम आयुर्वेदा को भी शामिल किया गया। चयनित स्टार्टअप के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रू-ब-रू होने का मौका भी मिला। हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सीधे तौर पर कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन,अप्रत्यक्ष तौर पर आयुर्वेदा के स्टार्टअप का जिक्र जरूर किया। इससे टीम के हौसले को जबरदस्त इजाफा हुआ।
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क्या है खोज
दावा है, मुदितम आयुर्वेदा ने दुनिया में सबसे पहले एक ऐसी टेबलेट (Tablet) बनाई है, जो पानी में डालते ही घुल जाती है। पानी में सेंकेड में ही करेला का जूस बन जाता है, जिसमें तमाम औषधीय गुण मौजूद है। ठीक उसी तरीके से पानी में घुल जाती है, जैसे डिस्प्रिन का पानी में रिएक्शन होता है। लिहाजा, प्रोडक्ट को “पॉकेट फ्रेंडली करेला जूस” भी परिभाषित किया जाने लगा है, मधुमेह के रोगियों में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। दावा यह भी है कि टेबलेट से डायबिटीज, शुगर, कोलेस्ट्रॉल के करीब 20 हजार मरीजों को फायदा हासिल हो चुका है। बहरहाल, ये प्रोडक्ट बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित होकर ईजाद किया है। उत्पादों के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण से व्यवसायीकरण की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
नवल किशोर पंसारी
हिमाचल प्रदेश के करीब 403 साल पुराने नाहन शहर में लगभग 120 साल पहले छोटा चौंक ने दिवंगत नवल किशोर ने पंसारी की दुकान शुरू की थी। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार ने बदलते समय के बावजूद आयुर्वेदा से नाता नहीं तोडा। शहर के अलावा दूर-दूर तक नवल पंसारी की दुकान मशहूर है। चौथी पीढ़ी में परिवार के सदस्य अभय गुप्ता ने सोचा, क्यों न विरासत में मिली आयुर्वेदा की पूंजी को विश्व भर में पहुंचाया जाए, इसी सोच के साथ अभय का स्टार्टअप दिन रात कड़ी मेहनत कर रहा है।
एक लाख से 50 करोड़
करीब दो साल पहले अभय गुप्ता ने महज एक लाख रुपए की राशि से स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया था। चूंकि ये एक लीक से हटकर प्रयास था। लिहाजा आईआईटी मंडी (IIT Mandi) से केंद्र सरकार की एक योजना के तहत 15 लाख रुपए का अनुदान हासिल हुआ। यकीन मानिए ,मौजूदा में कंपनी का मूल्यांकन 50 करोड़ का हुआ है।
क्या बोले अभय गुप्ता
मुदितम आयुर्वेदा के संचालक व युवा व्यवसायी अभय गुप्ता ने दावा किया कि दुनिया भर में पहली मर्तबा ऐसी टेबलेट बनाई गई है जो पानी में घुलते ही करेला जूस बन जाती है। डिस्प्रिन की तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्टार्टअप योजना के तहत स्टार्टअप इंडिया के सचिव संजीव कुमार के मार्गदर्शन में उनके स्टार्टअप को टॉप-20 में चयनित किया गया। पीएम मोदी ने आयुर्वेदा स्टार्टअप की प्रशंसा की। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया कि टॉप-20 इंडिया स्टार्टअप संचालकों को कहा कि भारत सरकार गेम पोर्टल के माध्यम से भी उत्पादों को दुनिया भर में मंच प्रदान किया जाएगा।