शिमला, 29 मार्च : कांग्रेस के बागियों को विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा का टिकट मिलने से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में पार्टी के उम्मीदवार अनुराग ठाकुर की डगर कांटो भरी हो गई है। कांग्रेस के 6 में से 4 बागी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में गगरेट, कुटलैहड़, सुजानपुर, बड़सर से है।
दो निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह ठाकुर व आशीष शर्मा को भी भाजपा देहरा व हमीरपुर से टिकट देकर विधानसभा के रण में उतारना चाहती है। इसके चलते 6 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के असंतुष्टों ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जिसका सीधा असर लोकसभा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के चुनाव पर भी हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। मगर बगावत के चलते भाजपा के लिए सुरक्षित सीट पर जीत चुनौती बन गई है। भाजपा ने अति उत्साह में सेफ माने जाने वाली सीट पर अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर ली हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के चक्कर में लोकसभा सीट को भी दाव पर लगा चुकी है। हालांकि, अनुराग ठाकुर हेवीवेट कैंडिडेट (Heavyweight Candidate) है। मगर जिस तरह से उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के विधायकों व दो निर्दलीयों को भाजपा का टिकट देने की कवायद हुई है, उससे अनुराग ठाकुर को लाजमी नुकसान होगा। बगावत कांग्रेस में भी होगी, ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। यदि, सारे घटनाक्रम पर नजर दौड़ाई जाए तो भाजपा ने कांग्रेस को सबसे ज्यादा डैमेज हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में किया। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशियों को भाजपा का टिकट देने का ऐलान कर दिया। वहीं, पूरे प्रदेश में धर्मशाला व लाहौल-स्पीति विस को छोड़कर अन्य किसी भी क्षेत्र में भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों को नहीं तोड़ा।
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तो क्या इसे भाजपा की एक खास रणनीति माना जाए। इसे पार्टी का हिडन एजेंडे (Hidden Agenda) के तौर पर भी देखा जा रहा है। कई उदाहरण है,जहां भाजपा ने अपने ही नेताओं को स्वयं ही निपटा दिया। केंद्र में हिमाचल के एक दिग्गज नेता को इस सारी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। अगर,बेवजह ही अनुराग ठाकुर विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी ( BJP) की बगावत का शिकार हुए तो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। फ़िलहाल देखना है कि कांग्रेस हमीरपुर से किस प्रत्याशी को अनुराग के खिलफ चुनावी मैदान में उतारती है? वहीं अनुराग ठाकुर उन्हें निपटाने की चुनौती पर कैसे पार पाते है।