शिमला, 26 मार्च : हिमाचल प्रदेश में लोकसभा व विधानसभा के उपचुनाव को लेकर सियासत गर्मानी शुरू हो गई है। मंगलवार दोपहर भाजपा ने कांग्रेस के बागियों को टिकट देने का ऐलान कर दिया है। 2022 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा अब कमल के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरे हैं।
हिमाचल की राजनीति में एक खास जगह रखने वाले धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र महज 7 साल के भीतर चौथा चुनाव देख रहा है। बड़ा सवाल है कि बार-बार चुनावी खर्च का कौन जिम्मेदार है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेता किशन कपूर ने चुनाव जीता था। सुधीर शर्मा को ही कपूर ने 2997 मतों के अंतर से हराया था। इसी बीच भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में किशन कपूर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। सांसद बनने के बाद धर्मशाला हलके से विधायक का पद रिक्त घोषित हो गया।
2019 के उप चुनाव में भाजपा ने विशाल नैहरिया को टिकट दिया। नैहरिया ने 44.77 प्रतिशत वोट हासिल किए। आजाद उम्मीदवार के तौर पर राकेश कुमार ने 31.89 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। कांग्रेस के विजय इन्द्र करण को 15.65 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। उप चुनाव में सुधीर शर्मा ने कांग्रेस का टिकट लेने से इंकार कर दिया था।
इस दौरान भी ये सवाल उठे थे कि क्या सुधीर शर्मा ने हार के दृष्टिगत ही चुनाव लड़ने से इंकार किया था या नहीं। खैर, 2022 में मुकाबला काफी रोचक था। सुधीर शर्मा 45.53 वोट हासिल कर चुनाव जीत गए थे, बीजेपी के राकेश चौधरी ने 40.06 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। आजाद प्रत्याशी विपिन नैहरिया ने 12.36 प्रतिशत वोट हासिल कर भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था।
2019 व 2022 के चुनाव पर गौर किया जाए तो निर्दलीय प्रत्याशी खेल बिगाड़ने में समर्थ नजर आए। 2019 के उप चुनाव में आजाद उम्मीदवार राकेश कुमार ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा तो 2022 में विपिन नैहरिया ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था। गौरतलब है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में भी आजाद प्रत्याशियों ने भी खासे वोट हासिल किए थे। कमला पटियाल को 7.50, अमरदास को 4.75 व अश्विनी काजल चौधरी को 3.04 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके अलावा सुभाष चंद शुक्ला ने 1.36 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे।
कांग्रेस के बागी को टिकट देने के पीछे भाजपा की मंशा ये भी हो सकती है कि व्यक्तिगत व पार्टी के कैडर के बूते सुधीर विधानसभा की दहलीज को दोबारा पार करने में सफल हो जाएंगे।
देखना ये भी होगा कि 2022 में 45.53 प्रतिशत मतों में से सुधीर कितने मतों को अपने पक्ष में रख पाने में सफल होते हैं। साथ ही भाजपा के प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी का क्या स्टैंड होगा। इसके अलावा निर्दलीयों द्वारा उप चुनाव में क्या भूमिका निभाई जाती है।