ऊना, 23 मार्च : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागियों की भाजपा में एंट्री का असर दिखना शुरू हो गया है। गगरेट के बागी नेता चैतन्य शर्मा के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद क्षेत्र के पूर्व विधायक राकेश कालिया ने पार्टी (भाजपा) से किनारा कर लिया है। शनिवार देर शाम पूर्व विधायक राकेश कालिया ने इस्तीफा को लेकर बकायदा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल को पत्र भी भेज दिया है। पूर्व विधायक राकेश कालिया लिखते हैं कि 20 वर्षों तक कांग्रेस की सेवा की, जिन कारणों की वजह से मैने कांग्रेस को छोड़ा था, उसे सब जानते हैं।
पूर्व विधायक ने बिना किसी का नाम लिखे बताया कि जब भ्रष्ट लोग कांग्रेस में शामिल हुए, तब भी मैंने कांग्रेस को सावधान किया था। विडंबना है कि वो अब भाजपा को प्रदूषित करने आ गए हैं। ऐसे में इस्तीफा देना ही बेहतर समझा। उन्होंने कहा कि मेरा निर्णय सिर्फ वैचारिक मतभेदों के बारे में नहीं, बल्कि यह गगरेट क्षेत्र में शुरू की गई भ्रष्टाचार की संस्कृति के खिलाफ लड़ाई है।
2012 के विधानसभा चुनाव में गगरेट से राकेश कालिया ने कांग्रेस के टिकट पर 46.29 प्रतिशत वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। 2017 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे। भाजपा के राजेश ठाकुर ने 56.95 प्रतिशत वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। इसके बाद कालिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था। 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने चैतन्य शर्मा को टिकट दिया। भाजपा ने राजेश ठाकुर पर दांव खेला था। चैतन्य शर्मा 40,700 वोट हासिल कर बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब हो गए थे, कालिया ने ये चुनाव नहीं लड़ा था।
2012 व 2017 के चुनाव की बात करें तो कालिया ने औसतन 43% वोट हासिल किए थे। ये माना जा सकता है कि कालिया का विधानसभा क्षेत्र में प्रभुत्व रहा है। 2022 में भाजपा ने कालिया को टिकट नहीं दिया था। देखना ये होगा कि कालिया अब घर वापसी करते हैं या नहीं।