शिमला, 20 मार्च : हिमाचल प्रदेश में बगावत से जूझ रही कांग्रेस लोकसभा चुनाव में चार सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए मंथन कर रही है। प्रदेश कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मंगलवार शाम नई दिल्ली में हुई बैठक में टिकट के दावेदारों के नाम पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि इसी हफ्ते केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चारों उम्मीदवारों के नाम घोषित हो सकते हैं। कांग्रेस चारों सीटों पर उम्मीदवारों को बदल सकती है। सीटों से नए चेहरों को उतारने की तैयारी चल रही है।
खास बात यह है कि मंडी सीट से मौजूदा सांसद व पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने दोबारा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ही मंडी सीट पर चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं।
ये बोली प्रतिभा सिंह…
प्रतिभा सिंह ने बुधवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि “किसी भी चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहती है। वह बार-बार सरकार से गुहार लगाती रही कि कार्यकर्ताओं को महत्व देना जरूरी है। तभी हम चुनाव में प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला कर सकते हैं। मैंने पूरे प्रदेश का दौरा किया और फील्ड में रही। अब हालात ऐसे बने हैं कि हमें शायद ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा कामयाबी मिले।”
प्रतिभा सिंह ने कहा कि “उन्होंने मंडी सीट से उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापिस ले लिया है और हाईकमान को बता दिया है कि मैं मंडी से चुनाव नहीं लड़ूंगी तथा पार्टी किसी को भी उम्मीदवार बना सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का औहदा है और ऐसे में वह महज एक लोकसभा सीट पर केंद्रित नहीं रह सकती।
छोड़ना पड़ सकता अध्यक्ष पद
माना यह भी जा रहा है कि प्रतिभा सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ने की एवज में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ सकता है। जबकि वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ना नहीं चाह रही हैं। अढ़ाई साल पहले मंडी सीट पर हुए उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने भाजपा के खुशहाल ठाकुर को हराकर यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी। इस बार भी उन्हें मंडी सीट पर सशक्त उम्मीदवार माना जा रहा है।
कांग्रेस की भी बढ़ी मुश्किलें…
प्रतिभा सिंह ने चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर भी चुनाव न लड़ने के संकेत दे चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए मंडी लोकसभा सीट पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रतिभा सिंह के इंकार करने के बाद अब विक्रमादित्य सिंह के नाम पर चर्चा हो रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रतिभा सिंह ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इंकार किया है तो क्या विक्रमादित्य इस सीट पर उम्मीदवार बनने के लिए राजी होंगे या नहीं। विक्रमादित्य मंडी से उम्मीदवार नहीं हुए तो एपीएमसी के चेयरमैन संजय गुलेरिया की लॉटरी लग सकती है। हालांकि, चर्चाएं सोहन लाल ठाकुर के नाम पर भी हो रही हैं। उम्मीदवार जो भी हो, लेकिन शुरुआती रुझानों से ये तय हो चुका है कि भाजपा व कांग्रेस इस चुनाव में मंडी संसदीय सीट से नए चेहरों पर दांव खेलने वाली हैं।
भाजपा इन चेहरों पर खेल सकती है दांव…
जयराम ठाकुर के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद अब भाजपा किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है। इसमें सबसे दावेदार उम्मीदवार नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर को माना जा रहा है। चमन कपूर की मंडी जिला सहित कुल्लू जिला में अच्छी पकड़ है। लिहाजा, भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। चमन कपूर ने छोटे से शहर से उठकर दूसरे जिला में भी अपनी खासी पकड़ बना ली है।
वहीं, कंगना रनौत के नाम पर भी अटकलें चली हुई हैं। सरकाघाट उपमंडल की रहने वाली कंगना रनौत भी भाजपा की उम्मीदवार हो सकती है। कंगना फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान रखती है, लिहाजा भाजपा उन्हें राष्ट्रीय प्रचारक भी बना सकती है।
वहीं, लोकसभा उप चुनाव में हार का सामना कर चुके ब्रिगेडियर खुशाल चंद को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि, उप चुनाव में हार भाजपा के लिए नेगेटिव प्वाइंट बन सकता है। इसके अलावा अजय राणा व बिहारी लाल शर्मा के उम्मीदवार बनाने को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।