मंडी, 15 मार्च : बीते सात दिनों से छोटी काशी मंडी में जारी भव्य देव महाकुंभ शुक्रवार को विधिवत रूप से समाप्त हो गया। अंतिम पारंपरिक जलेब (शोभायात्रा) में शिरकत करने के बाद जिला भर से आए 200 से अधिक देवी-देवताओं ने अपने मूल स्थानों की तरफ रुख कर लिया। महोत्सव के समापन में हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
सर्वप्रथम उन्हें पारंपरिक पगड़ी पहनाई गई, जिसके बाद उन्होंने राज माधव राय मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। उपरांत इसके पारंरिक जलेब शुरू हुई। यह जलेब मोती बाजार और भूतनाथ गली से होकर पूरे शहर की परिक्रमा करते हुए पड्डल मैदान में आकर संपन्न हुई। इसमें बड़ी संख्या में देवलुओं और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
पड्डल मैदान में उपस्थित जनसूमह को संबोधित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि वे पहली बार शिवरात्रि महोत्सव में शामिल हुए हैं और उन्हें यहां आकर अदभुत अनुभव की प्राप्ति हुई है। आज समाज अनेकों परिवर्तनों से गुजर रहा है और इससे हिमाचल के लोग भी अछूते नहीं हैं, लेकिन यहां के लोगों ने अपनी प्राचीन संस्कृति को आज भी सीने से लगाकर रखा है जोकि हर्ष की बात है।
शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव सिर्फ एक मेला ही नहीं, बल्कि प्राचीन संस्कृति की जड़ों को सींचने और सहेजने का उत्सव है। इससे आपसी जुड़ाव बढता है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूरे देश को जोड़ने की दिशा में अनेकों कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण स्तर का विकास कैसे हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने बहुत सी योजनाएं शुरू कर रखी है, जिससे ग्रामीणों को पूरा लाभ मिल रहा है।
इस मौके पर शिव प्रताप शुक्ला ने बेहतरीन आयोजन के लिए डीसी मंडी अपूर्व देवगन और जिला प्रशासन की पूरी टीम की पीठ भी थपथपाई। 2024 का अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव अधिकारिक रूप से संपन्न हो गया। इस दौरान आयोजित किया जा रहा सरस मेला 18 मार्च और पड्डल मैदान में सजा मेला अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों तक जारी रहेगा।