मंडी, 07 मार्च : पिता ट्रक चलाकर परिवार का गुजर बसर करते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से ड्राइविंग छोड़नी पड़ी थी। बमुश्किल थोड़ी बहुत खेती-बाड़ी से गुजर बसर हुआ करता था। सातवीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहे, योगेश ने उसी समय ये ठान लिया था कि वो परिवार को आर्थिक तंगहाली से उबार कर ही रहेगा। लेकिन, कैसे ये स्कूल के छात्र को नहीं पता था।
खैर, बुधवार शाम जब हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा 2023 का अंतिम नतीजा जारी हुआ तो योगेश की सफलता समूचे इलाके में केंद्र बिंदु बन गई।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जनपद के करसोग उपमंडल के क्यारगी लोअर गांव के योगेश कुमार ने एचएएस 2023 (HPAS) की परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार को गौरवान्वित किया है। योगेश साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है। पिता रामलाल ट्रक ड्राइवर रहे हैं, जबकि माता लता देवी एक गृहिणी है। सेल्फ स्टडी (Self Study) के बूते योगेश ने तीसरे प्रयास में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक परीक्षा 2023 में सफलता हासिल की है। इससे पहले भी योगेश ने दो बार परीक्षा पास की थी, लेकिन व्यक्तिगत साक्षात्कार में सफलता नहीं मिल पाई थी।
योगेश की प्रारंभिक शिक्षा विद्या भारती स्कूल करसोग से हुई। योगेश ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग से जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के बाद धर्मशाला से बीएससी की शिक्षा हासिल की। सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला (Central University) से भौतिक विज्ञान में एमएससी (M.Sc) की पढ़ाई करने के दौरान प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना देखा था। कोविड के दौरान परीक्षा की तैयारी में जुट गए।
फिजिक्स था ऑप्शनल विषय….
अमूमन, प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं में उम्मीदवारों के समक्ष वैकल्पिक विषय (Optional Subject) को चुनने की चुनौती रहती है। सामान्य तौर पर बेसिक विषयों (Basic Subjects) में बदलाव कर ऑप्शनल सब्जेक्ट को चुन लेते हैं। मगर, योगेश ने ऐसा नहीं किया, भौतिक विज्ञान को ही वैकल्पिक विषय बनाया। ये भी तय किया था कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC Shimla) की परीक्षा में सफलता न मिलने की सूरत में फिजिक्स के विषय में ही करियर बनाएंगे।
सेल्फ स्टडी…
आर्थिक दिक्कत ये अनुमति नहीं देती थी कि परीक्षा की तैयारी के लिए महंगी कोचिंग (Coaching) हासिल कर सके। पहले ही दिन यह तय कर लिया था कि सेल्फ स्टडी (Self Study) ही ब्रह्मास्त्र होगी। 2021 पहली कोशिश में साक्षात्कार तक पहुंचने से हौसला बढ़ गया, इसके बाद भी सेल्फ स्टडी के दम पर ही 2022 में भी इंटरव्यू (Interview) तक पहुंचने में सफलता हासिल की, लेकिन शायद, योगेश कुमार से बेहतर कोई और था, लेकिन उसने मंजिल का सफर जारी रखा।
आखिर, 6 मार्च 2024 की शाम मेहनत का तीर निशाने को भेद गया। क्योंकि, योगेश का चयन हिमाचल प्रशासनिक सेवा अधिकारी (Himachal Administrative Service Officer) के पद पर हो चुका था।
ये है सफलता का रोड मैप…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में योगेश ने कहा कि ये सही है कि पाठ्यक्रम (Syllabus) को लेकर सटीक जानकारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि जब कोई भी परीक्षा की तैयारी पहली बार करता है तो उस दौरान कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। शुरुआत में आपको 10 घंटे तक भी स्टडी करनी पड़ती है। दूसरे प्रयास में एक-दो घंटे कम हों तो भी चलता है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, तो आपको अनुभव भी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कई मर्तबा ऐसा होता है कि आपका एक विषय की पढ़ाई में रूचि (Interest) बढ़ जाती है। ऐसे में दूसरे विषय छूट जाते हैं। ये संतुलन सबसे जरूरी है। उन्होेंने कहा कि फिजिक्स में काॅलेज समय से ही गहरी रूचि थी, इसे वैकल्पिक विषय भी बनाया, लेकिन दूसरे प्रयास में ये समझ आ गया था कि केवल फिजिक्स ही नहीं पढ़नी है।
स्काॅलरशिप से पढ़ाई…
खास बातचीत के दौरान योगेश ने इस बात का खुलासा किया कि बीएससी की पढ़ाई के दौरान 5 हजार प्रतिमाह इंस्पायर स्काॅलरशिप (Scholarship) मिलना शुरू हो गया था। एमएससी की पढ़ाई पूरी करते ही कोविड संकट शुरू हो गया।इसी दौरान प्रशासनिक सेवा की तैयारी भी शुरू कर दी थी। छात्रवृति से ही कुछ जरूरत के खर्चे पूरे हो जाया करते थे। परिवार की आर्थिक कमजोरी के सवाल पर कहा कि पिता ट्रक चलाया करते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से ड्राइविंग भी छोड़नी पड़ी थी। जैसे-तैसे खेती-बाड़ी से परिवार का गुजारा चलाते रहे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में योगेश ने कहा कि ये सही है कि पाठ्यक्रम को लेकर सटीक जानकारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि जब कोई भी परीक्षा की तैयारी पहली बार करता है तो उस दौरान कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। आपको 10 घंटे तक भी स्टडी करनी पड़ती है। दूसरे प्रयास में एक-दो घंटे कम हों तो भी चलता है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, तो आपको अनुभव भी हो जाता है।