शिमला, 6 मार्च : हिमाचल में कांग्रेस सरकार के सियासी संकट के दौरान राज्य के तेजतर्रार लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहली बार खुलकर मीडिया से मुखातिब हुए। बागियों से दो मर्तबा मुलाकात के साथ-साथ दिल्ली दौरे को लेकर यू टर्न के तीखे सवाल पर मंत्री ने गुस्से को काबू करते हुए तल्ख अंदाज में कहा कि आप क्या मेरे साथ दिल्ली गई थी।
विक्रमादित्य सिंह ने ये भी सलाह दी कि आप जिम्मेदार मीडिया हैं। चंडूखाने की खबरों पर विश्वास न करें। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो बातें हवा में हैं, उसका मैं जवाब नहीं दे सकता। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दिल्ली जाने के कार्यक्रम पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेरी मर्जी। पार्टी ने जो दायित्व दिया, उसे ही निभाया है।
सरकार के अल्पमत में होने को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये तो समय ही बताएगा। मामला, न्यायालय में विचाराधीन है, इस पर मैं टीका टिप्पणी नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी मंत्री या किसी अन्य नेता को भी प्रतिक्रिया इस कारण नहीं जाहिर करनी चाहिए, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। विक्रमादित्य सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वो जो भी बोलते हैं, बेबाकी से बोलते हैं, सुनवाई भी हो जाती है। सुनवाई करवा भी लेता हूं।
विक्रमादित्य ने हालांकि सीधे तौर पर तो नहीं कहा, लेकिन बागियों से मुलाकात को लेकर ये संकेत जरूर दिए कि पार्टी आलाकमान के इशारे पर ही वो बागियों से मिले थे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अल्टीमेट गेंद तो पार्टी आलाकमान के पाले में है, सरकार किसकी है, कांग्रेस की है। राजेंद्र राणा के कार्यकारी पद से इस्तीफे पर विक्रमादित्य ने कहा कि राजनीति में सब संभव होता है। हम तो अभी राजनीति सीख रहे हैं, कुछ बातें पूर्वजों से सीखी हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते और न ही हमेशा खुले होते हैं। भाजपा ने नितेश बाबू के दरवाजे बंद किए थे, लेकिन ये दरवाजे खोल कर उन्हें दोबारा बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया है।
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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पार्टी यथास्थिति के बारे में आलाकमान को अवगत करवाना नैतिक कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि मुझे आधिकारिक तौर पर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सब कुछ साफ हो जाएगा।
इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किए गए शिलान्यासों व उदघाटनों का भी विस्तार से ब्यौरा दिया।
पत्रकारों से बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने ये भी कहा कि कुछ बातें मीडिया के सामने होती हैं, जबकि कुछ पीछे। हर बात की चर्चा करना उचित नहीं है।