मंडी, 22 फरवरी : कीरतपुर मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन मंडी से पंडोह तक का सफर आम जनता के लिए सुविधा नहीं बल्कि मौत का फोरलेन बनता जा रहा है। आलम यह है कि यहां पर बनने वाले फोरलेन की कटिंग के कारण कभी भी पहाड़ी से वाहनों पर मलबा और पत्थर गिर रहे हैं जिस कारण करीब 6 से 8 किलोमीटर का यह दायरा कई जिंदगियों को भी लील चुका है।
दो दिन पहले भी मंडी से पंडोह के बीच छ: मील के पास कटिंग कर रही मशीन पर पत्थर और मलबा गिरा जिस कारण ऑपरेटर की दबने से दर्दनाक मौत हो गई। इससे पूर्व भी 31 जनवरी को पहाड़ी से गाड़ी पर पत्थर गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार लोग बालबाल बचे। जिसके बाद अब प्रशासन ने फोरलेन के कार्य को जल्द करने के लिए मंडी से पंडोह के बीच वाहनों की आवाजाही को रोज चार घंटे बंद करने का फैसला लिया है।
पंडोह से अपने परिजनों के साथ मंडी आ रहे स्थानीय निवासी यशपाल का कहना है कि मंडी से पंडोह के बीच फोरलेन नहीं मौत का लेन बनता जा रहा है जिसमें उन्होंने अपनी 47 वर्षीय बुआ को अपनी आंखों के सामने काल का ग्रास बनते देखा। उन्होंने आरोप लगाया है कि फोरलेन का कार्य वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रहा है जिस कारण इसका खामियाजा सड़क पर सफर करने वालों को अपनी जान से हाथ धोकर चुकाना पड़ रहा है। वहीं सात मील के रहने वाले काकू राम बताते हैं कि वह रोज इस सड़क पर सफर करते हैं और हर समय किसी अप्रीय घटना का अंदेशा बना रहता है।
मनाली निवासी रमेश कुमार भी इस सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक बता रहे हैं। वहीं आजकल रोज चार घंटे सड़क को आवाजाही के लिए बंद रखने पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। दिल्ली से मनाली घूमने जा रहे गुड़गांव के पर्यटक विवेक कुमार का कहना है कि पहाड़ों से सभी घूमने आते हैं लेकिन यदि पहाड़ों पर इस प्रकार से खतरा मंडरा रहा हो तो उन्हें भी सफर करने में डर सा लग रहा है। आम जनता के साथ पर्यटकों ने भी सरकार से इस फोरलेन के कार्य को सही से करने की मांग उठाई है जिसमें यहां पर सफर करने वालों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए।