बिलासपुर, 19 फरवरी : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर (AIIMS Bilaspur) के रेडियोलॉजी विभाग ने रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) के उपयोग से दर्दनाक हड्डी ट्यूमर (ओस्टियाइड ओस्टियोमा) सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। 12 वर्षीय और 16 वर्षीय दो बच्चों का ट्रीटमेंट सफल रहा है। ये ट्यूमर आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है।
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. कर्मवीर चंदेल (MD, Fellowship Intervention) ने कहा, “हमारी टीम ओस्टियाइड ओस्टियोमा (osteoid osteoma) वाले बच्चों का कामयाब उपचार किया है। साथ ही सफलता पर ख़ुशी भी जाहिर की हैं। उन्होंने कहा कि “जिन बच्चों का हमने इलाज किया, वे ट्यूमर की शुरुआत से पहले बहुत सक्रिय थे, लेकिन ट्यूमर से होने वाले दर्द के कारण, वे अपनी पसंदीदा गतिविधियों का आनंद लेने में असमर्थ थे।”
ये पहले आर्थोपेडिक सर्जरी (orthopedic Surgery) से किया जाता था, जिसमें हड्डी से ट्यूमर को निकालना या हड्डी के प्रभावित हिस्से को हटाना शामिल था। लेकिन अब रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA)से उपचार सरल है। डॉ. कर्मवीर चंदेल ने बताया “आरएफए (RFA) लक्षित ट्यूमर को नष्ट करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंग ऊर्जा का उपयोग करता है। इस सटीक और नियंत्रित विधि में स्केलपेल या किसी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे संक्रमण और हड्डी के फ्रैक्चर जैसी जटिलताओं का खतरा काफी कम हो जाता है।
कुल प्रक्रिया में एक घंटे या उससे कम समय लगता है। इस विधि का उपयोग कई प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है।”
यह सफलता एम्स बिलासपुर के रेडियोलॉजी विभाग के उपचारों में नवीनतम है। विभाग का नेतृत्व डॉ. नरवीर सिंह चौहान कर रहे हैं। डॉ. नरवीर सिंह चौहान ने कहा, “ट्यूमर के अधिक सटीक, कम आक्रामक और दर्द रहित उपचार के लिए विभाग में ओस्टियाइड ओस्टियोमा के एब्लेशन का उपयोग आदर्श उदाहरण बना है।” “विशेषज्ञों की हमारी अग्रणी टीम विभिन्न ठोस ट्यूमर को नष्ट करने की न्यूनतम तकनीक के रूप में एलेशन थेरेपी का उपयोग भी कर रही है।
इसके अलावा डॉ. वरुण बंसल (रेडियोलोजी) और डॉ. लोकेश राणा ((रेडियोलोजी), डॉ. विजय लक्ष्मी (एनेस्थीसिया, रेडियोलॉजिकल तकनीशियन अभिनव शर्मा और नर्सिंग अधिकारी सुमन और ममता इस टीम का हिस्सा थे। साथ ही एनेस्थीसिया विभाग और ऑर्थोपेडिक्स विभाग से भी काफी मदद मिली।
बता दें कि विभाग में मंगलवार और गुरुवार को अपनी तरह की पहली इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी ओपीडी होती है। जिन मरीजों को ट्यूमर के लिए किसी भी प्रकार की थेरेपी की आवश्यकता होती है, वे इन दिनों में ओपीडी में आ सकते हैं, उन्हें इसके लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।