सोलन/बिलासपुर, 13 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में मंगलवार दोपहर बिलासपुर-सोलन सीमा (Bilaspur-Solan Border) पर आक्रोशित भीड़ ने नवगांव खड्ड में त्रिवेणीघाट निर्माणाधीन पेयजल योजना को तहस-नहस कर दिया। इसी दौरान जमकर पथराव भी हुआ। ये भीड़ बिलासपुर की तरफ से सोलन की सीमा में दाखिल हुई थी। पथराव (Stone Pelting) में 7 पुलिस कर्मियों व एक होमगार्ड (Home guard) जवान के जख्मी होने की भी सूचना है।
बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने बल का इस्तेमाल भी किया। विधायक रणधीर शर्मा की मानें तो कई लोगों को चोटें आई हैं। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं। जानकारी ये भी आ रही है कि पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा को हल्की चोटें आई हैं। नैना देवी के विधायक ने अर्की पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई है।
करीब 6 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन योजना की सामग्री को खड्ड में फैंका गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अंबुजा सीमेंट के लिए पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना की वजह से आसपास की पंचायतें प्रभावित हो जाएंगी। बता दें कि प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भाजपा नेता रणधीर शर्मा कर रहे थे। बता दें कि इलाके की करीब 10 पंचायतों के लोग मौके पर ही तंबू लगाकर डटे हुए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि सुनवाई नहीं की जा रही। जानकारी ये भी मिली है कि सोलन प्रशासन ने घटना से जुड़ी जानकारी की रिपोर्ट भी तलब की है। खड्ड के एक तरफ सोलन की सीमा है तो दूसरी तरफ बिलासपुर जनपद शुरू हो जाता है। चूंकि निर्माणकार्य सोलन की तरफ से हो रहा था, लिहाजा सोलन प्रशासन पूरी तरह से हरकत में है।
इसी बीच प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने कहा कि लोगों में भ्रांति फैलाई गई है। असल में ये योजना डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (District Mining Fund) के तहत सीमेंट प्लांट से प्रभावित 8 पंचायतों के लिए बनाई जा रही है।
उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल नुकसान का आकलन नहीं हुआ है, लेकिन ये तय है कि निर्माणाधीन पेयजल योजना को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने पुलिस बल के इस्तेमाल की बात से इंकार किया है।
मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
उपायुक्त ने बताया कि सीमेंट प्लांटों से मिलने वाली राशि जिला माइनिंग फंड में जमा होती है। इस राशि को प्रभावित पंचायतों की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाता है। उपायुक्त ने ये भी कहा कि खड्ड में बह रहे पानी से छेड़छाड़ नहीं की जा रही, बल्कि कुएं खोदे जाने हैं। पानी की आपूर्ति भी पंचायतों को ही दी जानी है। उपायुक्त ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया जाना चाहिए।
उधर, सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि बिलासपुर की तरफ से लगभग 400 प्रदर्शनकारी सोलन की सीमा में दाखिल हो गए। भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जबरन ही निर्माण कार्य को रोका गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पथराव में 7 पुलिसकर्मियों के अलावा एक होमगार्ड जवान भी जख्मी हुआ है। घायल जवानों का मेडिकल करवाया जा रहा है। साथ ही एफआईआर (FIR) भी दर्ज की जा रही है। एसपी ने कहा कि भीड़ को मौके से हटा लिया गया है। घटनास्थल पर शांति है, साथ ही मौके को सोलन के साथ-साथ बिलासपुर पुलिस भी माॅनिटर कर रही है।
उधर, विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि त्रिवेणीघाट (Triveni ghat) में पुलिस ने मनमानी की है। लोग 20 दिन से पेयजल योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि मंगलवार को वे कार्य के निरीक्षण के लिए मौके पर गए थे, लेकिन इसी बीच पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया। कई महिलाओं को भी चोटें आई हैं।