नाहन, 24 जनवरी : कहते है इंसान हर घर में जन्म लेता है लेकिन इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है। इस बात को सच कर दिखाया है वनरक्षक (Forest Guard) के पद पर तैनात संदीप कुमार चौधरी ने।
![](https://mbmnewsnetwork.com/wp-content/uploads/2024/01/BLOOD-DONATIONA.jpg)
दरअसल, हुआ यूं कि जिला मुख्यालय में स्थित डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज (YS Parmar Medical College) में 21 साल की युवती को रुबीना को आधी रात को आपातकालीन (Emergency) स्थिति में दुर्लभ ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव (AB Negative) की आवश्यकता पड़ गई। जिसकी सूचना ड्रॉप्स ऑफ़ हॉप्स (Drops of Hopes) समिति के सदस्य संदीप कुमार चौधरी तक पहुंची। वनरक्षक (Forest Guard) के पद पर तैनात संदीप कुमार चौधरी ने ठंड के बावजूद आधी रात को अस्पताल पहुंचने में एक पल भी नहीं लगाया और 21 वर्षीय युवती रुबीना को इमरजेंसी में ब्लड उपलब्ध करवाया।
दुर्लभ खून के अधिक रेशेके कारण युवती गायनी वार्ड में दाखिल है। मात्र 4 ग्राम ब्लड होने की स्थिति में रुबीना को आपातकाल में ब्लड की आवश्यकता थी क्योंकि अब नेगेटिव ब्लड ग्रुप दुर्लभ है। लिहाजा, रक्त का इंतजाम अक्सर ही मुश्किल हो जाता है। ड्रॉप्स ऑफ़ हॉप्स समिति के अध्यक्ष ईशान राव ने बताया कि बुधवार को भी युवती को ब्लड उपलब्ध करवाया गया था।
वनरक्षक संदीप कुमार चौधरी मौजूदा समय में बनेठी में तैनात हैं। इससे पहले भी आपातकालीन स्थिति में चार बार रक्तदान कर चुके हैं। गौरतलब है कि डॉक्टर वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर (Blood Component Separator) की लंबे अरसे से मांग की जा रही है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया धीमी गति से चलने के कारण सेपरेटर उपलब्ध नहीं हुआ है। सेपरेटर मिलने से रक्त के घटकों का इस्तेमाल अलग-अलग मरीज के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि समूह के सदस्य संदीप को जैसे ही रात के वक्त संपर्क किया गया तो वह तुरंत ही रक्तदान के लिए पहुंच गए और युवती को ब्लड उपलब्ध करवा इंसानियत की मिसाल पेश की।