घुमारवीं, 25 अक्टूबर : एम्स बिलासपुर द्वारा “हड्डी के कैंसर” के मरीज की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर ने हाल ही में एक जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर हासिल किया है। इस सर्जरी ने मरीज की गतिशीलता को बहाल किया, जो पांच साल से दाहिनी जांघ की हड्डी के बार-बार होने वाले कैंसर से पीड़ित थी, जिसने हड्डी को बेहद नाजुक बना दिया था।
बुजुर्ग महिला ने पिछले पांच वर्षों में चंडीगढ़, दिल्ली और शिमला के कई अस्पतालों से परामर्श लिया। उन्हें हर बार एक जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरने का परामर्श दिया गया जिसके लिए विशेष सुविधाओं की आवश्यकता थी। यह सुविधाएं या तो उन अस्पतालों में उपलब्ध नहीं थी या उनका खर्चा मरीज के लिए बहुत अधिक था। मरीज ने अपनी जटिल सर्जरी की उम्मीद छोड़ दी थी, जिसके लिए जांघ की हड्डी के पूर्ण प्रतिस्थापन की आवश्यकता थी जो कैंसर से नष्ट हो गई थी।
देवी के स्वस्थ होने की यात्रा में सकारात्मक पहल हुई जब पिछले महीने उन्होंने एम्स बिलासपुर के हड्डी रोग विभाग से परामर्श लिया। हड्डी रोग विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट की एक टीम ने उनकी स्थिति की गहन जांच की और एक ऑपरेशन योजना तैयार की। अनुशंसित प्रक्रिया में कैंसर जड़ित हड्डी को मेगा कृत्रिम अंग से बदलना शामिल था।
डॉक्टर्स की टीम के समक्ष जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया को सुरक्षा और सटीकता के साथ करने की चुनौती थी। डॉ. रणजीत चौधरी के नेतृत्व वाली सर्जिकल टीम में आर्थोपेडिक विभाग के कुशल सर्जन डॉ. रमेश कुमार और डॉ. देवेन्द्र शामिल थे। सर्जरी के लिए मरीज को सुरक्षित रूप से बेहोशी की स्थिति में रखने की जिम्मेदारी डॉ. सुरभि प्रिया और उनकी टीम द्वारा निभाई गई। सफल परिणाम के साथ सर्जरी छह घंटे से अधिक समय तक चली और कोई भी तत्काल जटिलता समक्ष नहीं आई।
सर्जरी के बाद मरीज ने एम्स बिलासपुर के डॉक्टरों के प्रति अपनी संतुष्टि और आभार व्यक्त किया। वह अब चल सकती है और अपने दाहिने पैर पर वजन सहन कर सकती है। जो पिछले वर्षों से उसके लिए असंभव था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा ने कहा कि अस्पताल की उन्नत चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की प्रतिबद्धता और इसके चिकित्सा पेशेवरों की विशेषज्ञता एक बार फिर विशेष आर्थोपेडिक सर्जरी की आवश्यकता वाली जटिल चिकित्सा चुनौतियों का सामना करने वाले रोगियों के लिए आशा की किरण साबित हुई है। एम्स बिलासपुर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रिम रहा है और मरीजों की भलाई में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।