सुंदरनगर, 11 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से हुई भारी बारिश के कारण सारी व्यवस्था उथल-पुथल हो गई है। इस आपदा से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। बात मंडी जिला की करें तो व्यास नदी का रौद्र जलस्तर अपने साथ कई चीज़े बहा कर ले गया। मंगलवार को बारिश थमने से दोपहर तक व्यास का जल स्तर कम हुआ तो व्यास किनारे बसे घर और दुकानों के हालातों ने सभी के मन को झकझोर कर रख दिया। व्यास नदी ने लोगों को कई गहरे जख्म भी दिए है।
बता दें कि व्यास नदी की चपेट में मंडी शहर का पंचवक्त्र पुल और पुल के साथ सटी 5 दुकाने, वीर मंडल भवन, वेदांत कुटीर भवन भी चपेट में आ गए। जैसे ही व्यास का रौद्र रूप शांत हुआ तो इन भवनों में दीवारों के सिवाय कुछ नहीं बचा। पीड़ित दुकानदार आयुष, तरुण व संदीप ने बताया कि व्यास नदी की चपेट में उनकी दुकानें आ गई थी, जिसके चलते दुकानों के अंदर रखा सारा सामान व्यास नदी अपने साथ बहाकर ले गई। इसी के साथ हनुमान घाट स्थित श्मशान घाट में कुछ भट्टीयां भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है।
लोगों की मानें तो उन्होंने यह मंजर जीवन में पहली बार देखा है बरसात हर साल होती थी और व्यास का जलस्तर भी बढ़ता था लेकिन इस बरसात में जिस तरह व्यास ने रौद्र रूप धारण किया यह मंजर उन्होंने पहली बार देखा है। जिला प्रशासन सहित सरकार से नुकसान की भरपाई की मांग की है। वहीं, बल्ह के निवासी जगदीश कुमार ने बताया कि बहुत सालों बाद इस तरह की बरसात हुई है, जिससे हर तरफ तबाही ही तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है।
अगर बात पंचवक्त्र मंदिर की करें तो यहां पर बाढ़ से मंदिर का परिसर क्षतिग्रस्त हो गया है। मंदिर के भीतर लगभग 15 फीट गाद एकत्रित हो गई है जिसे निकालने का कार्य मंगलवार को सामाजिक संस्थाओं और युवाओं द्वारा किया जा रहा है। आपको बता दें कि ऐसा पहली मर्तबा हुआ है कि बरसात के दौरान पंचवक्त्र मंदिर व्यास नदी में जलमग्न हो गया। कई मर्तबा बरसात के दौरान व्यास नदी पंचवक्त्र मंदिर के परिसर तक पहुंच जाती थी पर इस तरह का नुकसान नहीं होता था लेकिन इस मर्तबा आधा मंदिर व्यास नदी में जलमग्न होने से पूरे परिसर में गाद ही गाद बिछ गई है।