नाहन, 11 जुलाई : आसमान से लगातार पानी बरस रहा है। इसके विपरीत नाहन शहर में पेयजल संकट विकराल रूप धारण कर रहा है। पुख्ता जानकारी के मुताबिक गिरि उठाऊ पेयजल योजना (Giri Water Scheme) का एक हिस्सा जलमग्न हो गया है। इसकी जद में जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) के ट्यूबवेल सहित बिजली के खंभे भी आ गए हैं।
ट्यूबवेल तक बिजली की सप्लाई न होने की वजह से पानी की लिफ्टिंग नहीं हो रही। बता दें कि शहर में ददाहू पेयजल योजना ही सबसे अधिक पेयजल आपूर्ति करती है। माना जा रहा है कि यदि गिरि उठाऊ पेयजल योजना को सुचारू भी कर लिया जाता तो शहर में अगले 3-4 दिन तक पानी की आपूर्ति सामान्य होने की गुंजाइश नहीं है।
जानकारों के मुताबिक गिरी नदी की तेज जलधाराओं का बहाव बदल गया। इसकी चपेट में विभाग के 7 ट्यूबवेल भी जलमग्न हुए। चूंकि सबमर्सिबल प्रणाली से लिफ्टिंग संभव है, लेकिन इसके लिए विभाग के कर्मचारियों का वहां तक पहुंचना जरूरी है, साथ ही बिजली की सप्लाई भी आवश्यक है।
उधर, नहरस्वार ग्रेविटी योजना (Naharswar Gravity Scheme) भी बरमण के समीप ठप पड़ी हुई है। विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर योजना को बहाल करने में लगे हुए हैं। योजना से शहर को 11 लाख लीटर पानी मिलता है। इसकी खासियत ये है कि इसे चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ती, ग्रेविटी से ही पानी को उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाया जाता है।
नहरस्वार के बाद कालाअंब के समीप खैरी से शहर के लिए उठाऊ पेयजल योजना बनाई गई थी, लेकिन ददाहू योजना के वजूद में आने के बाद इसकी अहमियत खत्म हो गई। जानकारों का कहना है कि मौजूदा में इस स्कीम को रिस्टोर करने की गुंजाइश ही नहीं है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा में शहर में पानी की डिमांड 65 लाख लीटर के आसपास है। मौसम अनुकूल रहने की सूरत में नहरस्वार योजना को बहाल भी कर लिया जाता है तो शहर के कुछ हिस्सों को ही पानी मिल पाएगा।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक जल शक्ति विभाग के बॉटम से टॉप तक के अधिकारी व कर्मचारी नहरस्वार व ददाहू पेयजल योजनाओं को बहाल करने के लिए फील्ड में ही डटे हुए हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता आशीष राणा ने कहा कि जैसे ही बिजली की व्यवस्था सुचारू होती है, तुरंत ही ददाहू से लिफ्टिंग सुचारू हो जाएगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि अगले कुछ दिन तक शहरवासियों को पानी की राशनिंग करनी चाहिए। साथ ही पानी के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए।