ऊना, 27 जून : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने जिला में नशे के खिलाफ हरोली से कांगड़ा तक आयोजित ब्रिस्क वॉक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उत्सव की तरह आयोजित इस कार्यक्रम में अपार जनसमूह, जिसमें हर वर्ग के लोग, विभाग व शिक्षण संस्थानों के बच्चे शामिल हुए। राज्यपाल ने इस नई पहल के साथ हरोली से करीब 2 किलोमीटर तक पैदल यात्रा कर नशे के खिलाफ जन जागरण का संदेश दिया। इस पैदल यात्रा में कार्यकारी पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल, उपमुख्यमंत्री की धर्मपत्नी प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री, वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मैं जिस भावना के साथ हिमाचल में नशे के खिलाफ अभियान चला रहा हूं। उसे शासन, प्रशासन और समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। उप-मुख्यमंत्री ने मेरे इस अभियान को और बल दिया है। मुझे विश्वास है कि अब हिमाचल नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में है।’’बाद में, ब्रिस्क वॉक के अंतिम पड़ाव कांगड़ा में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने नशे के खिलाफ नई पहल के साथ कार्यक्रम के आयोजन के लिए उपमुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिमाचल को नशामुक्त बनाना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि नशे की बुराई युवाओं के भविष्य से जुड़ी है। इस चुनौति से निपटने के लिए एकजुट होने का यह अभियान है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी उनसे देवभूमि में बढ़ते नशे को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इसी प्रायोजन से उन्होंने हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ जन आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें उपमुख्यमंत्री ने सहयोग किया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। नशे को समाप्त करने के लिए ‘‘प्रधाव’’ जैसे अभियान की सराहना की।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर नशे के खिलाफ अच्छा काम कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार से इस संबंध में कानून में संशोधन को लेकर वह बात करेंगे।राज्यपाल ने कहा कि आज युद्ध अस्त्र-शस्त्र से ही नहीं लड़े जाते हैं बल्कि उस देश के युवाओं को नशे का आदी बनाकर परोक्ष युद्ध लड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है और हमारे कुछ पड़ोसी देश यह कार्य नशा भेजकर कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश की जेलों में करीब 3000 कैदी हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक कैदियों का संबंध ड्रग के अपराध से है। उन्होंने कहा कि ऊना एक सीमांत जिला होने के चलते नशा तस्करी के लिए अति संवेदनशील है। ऐसे में यह कार्यक्रम अहम है। उन्होंने कहा कि हरोली में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का संदेश प्रदेश और देश के दूसरे राज्यों तक पहुंचेगा।इस अवसर पर राज्यपाल ने नशे के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर 94180-64444 का शुभारंभ किया। उन्होंने नशे की मुहिम को आगे बढ़ता संदेश देता पोस्टर को भी जारी किया।
नशे से जुड़े कानूनों में बदलाव लाने में सहयोग करे केंद्र सरकार : मुकेश
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि राज्यपाल के आह्वान पर उन्होंने हरोली से इस महायज्ञ की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह एक अंतरराष्ट्रीय लड़ाई है। नशे के अवैध कारोबार में कोई भी व्यक्ति संलिप्त है। वह चाहे कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो हमारा दुश्मन है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक दलों की नहीं बल्कि भावी पीढ़ी के भविष्य की सुरक्षा की है।
नशे के खिलाफ योद्धा बने युवा : अटवाल
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने इस अवसर पर कहा कि जनसंख्या के हिसाब से पंजाब के बाद हिमाचल नशे के प्रचलन में दूसरे स्थान पर आ गया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस गंभीरता को ध्यान में रखकर ही प्रदेश पुलिस ने ‘प्रधाव’ नाम से एक अभियान की शुरूआत की है। इस के तहत 160 स्कूलों के करीब 16,000 विद्यार्थियों से ऑनलाइन चर्चा की गई।
इसी के तहत इस वर्ष मार्च माह में राज्यपाल द्वारा ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी किया गया। पुलिस विभाग विद्यार्थियों में नशा छुड़ाने और पर्यावरण बचने की मुहिम पर कार्य कर रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे नशे के खिलाफ योद्धा बने और प्रहरी बनकर कार्य करें।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री की बेटी कुमारी आस्था अग्निहोत्री ने भी नशे के खिलाफ इस अभियान पर अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व ऊना के उपयुक्त राघव शर्मा ने जिला में नशे के खिलाफ किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों की भी जानकारी दी।इस अवसर पर नशे की थीम पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसके तहत मास्टर सलीम और कंवर ग्रेवाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।