शिमला, 8 मई : हिमाचल प्रदेश में ठंडे रेगिस्तान से पहचान रखने वाले लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस के बगावती को टिकट देने से रुष्ट पूर्व मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यहां तक की ये भी खुलासा कर दिया है कि 13 मई को नामांकन दर्ज करेंगे।
टिकट के किन्तु-परंतु को लेकर धर्म संकट में फंसी कांग्रेस ने मार्कण्डेय की हसरतों पर उस समय पानी फेर दिया था, जब महिला प्रत्याशी के तौर पर अनुराधा राणा को टिकट दिया गया। लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर को भाजपा ने कांग्रेस से बगावत करने के तोहफे के तौर पर टिकट भी थमा दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रवि ठाकुर ने जीत हासिल की थी। उप चुनाव में चेहरा तो वही है, लेकिन चुनाव चिन्ह बदल गया है।
जिला परिषद की सदस्य अनुराधा राणा यदि चुनाव जीतती हैं तो ट्राइबल सीट पर 52 साल बाद महिला विधायक होगी। इससे पहले 1972 में भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी रवि ठाकुर की माता स्व. लता ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थी। राणा के चुनाव जीतने से विधानसभा में महिलाओं की संख्या 2 हो जाएगी।
दिलचस्प बात ये है कि इस सीट पर गुरु-शिष्य के बीच भी मुकाबला हो रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा को राजनीति में लाने वाले रवि ठाकुर ही थे। बुधवार को रामलाल मार्कण्डेय ने चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी लपेटा। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रवि ठाकुर को 9948 वोट पड़े थे। मत प्रतिशतता 52.51 प्रतिशत रही थी। जबकि भाजपा प्रत्याशी राम लाल मार्कण्डेय को 8332 वोट पड़े थे। मत प्रतिशतता 44.32 रही थी। निर्दलीय प्रत्याशी सुदर्शन जस्पा को 454 वोट मिले थे।
कुल मिलाकर तीन मायनों में यहां का उप चुनाव अहम है। पहला ये कि विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़ेगी या नहीं। दूसरा ये कि गुरु-शिष्या के दंगल पर नजरें हैं। तीसरा पूर्व मंत्री राम लाल मार्कण्डेय की भाजपा से बगावत है।
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