शिमला (एमबीएम न्यूज़) : एचआरटीसी की बसों में कौशल विकास के नाम पर प्रशिक्षण करने वाले परिचालकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित परिचालक संघ ने प्रदेश सरकार तथा राज्य पथ परिवहन निगम पर कौशल विकास के नाम पर बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीत सिंह ने आज शिमला में पत्रकारवार्ता में कहा कि एचआरटीसी द्वारा कौशल विकास के नाम पर 3 महीने तक परिचालक का काम लेने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया तथा अब नई भर्ती प्रक्रिया के तहत परिचालक रखे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2015 से लेकर अब तक करीब 4000 युवा कौशल विकास के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। जिनमें 24 युवतियां भी हैं। जीत राम ने कहा कि कौशल विकास के नाम पर इन सबसे बसों में परिचालक का काम कराया गया और एचआरटसी प्रबंधन द्वारा यह भरोसा दिया गया कि परिचालकों की जरूरत पड़ने पर इन्हीं प्रशिक्षित परिचालकों को नौकरी पर रखा जाएगा। लेकिन अब ये प्रशिक्षित परिचालक घक्के खाने को मजबूर हैं।
जीत सिंह ने सरकार पर प्रशिक्षु परिचालकों के भविष्य को लेकर गंभीर ना होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मुददे पर कई बार मुख्यमंत्री से वार्ता की गई, मगर आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। उन्होंने सरकार से प्रशिक्षु परिचालकों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की और कहा कि जिस तरह स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों में आउटसोर्स आधार पर भर्ती कर्मियों को नीति के तहत अनुबंध आधार पर लेने का फैसला सरकार ने लिया है, वैसे ही प्रशिक्षु परिचालकों को भी विशेष नीति के तहत एचआरटीसी में लिया जाए।
उन्होंने कहा कि संघ की मांगें नहीं मानी गईं, तो 4000 प्रशिक्षु परिचालक लामबंद होकर सड़कों पर उतर जाएंगे और सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी तथा सचिवालय व विधानसभा का घेराव किया जाएगा।