राजगढ़, 18 अप्रैल : जिला स्तरीय बैशाखी मेला राजगढ़ खट्टी-मीठी यादों के साथ बीते कल संपन्न हो गया है। मेले में अव्यवस्थाओं का आलम यह रहा कि राजनैतिक दबाव के चलते मेले में जहां अनेक कलाकारों ने लोगों को बहुत बोर किया। वहीं मेले में अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था न होने से विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानी हुई। जिसके लिए लोग स्थानीय नगर पंचायत को कोसते रहे।
बता दें कि राजगढ़ का बैशाखी मेला अतीत से तीन जिला के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। हर वर्ष राजगढ़ क्षेत्र के अतिरिक्त रेणुका विधानसभा क्षेत्र और सीमा पर लगतेे जिला सोलन व शिमला के करीब 50 हजार लोग मेला देखने आते है। हालांकि मेले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन व पुलिस का विशेष योगदान रहा है।
मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आए संगीत प्रेमियों को मलाल था कि मेले में सिफारशी कलाकारों को मौका दिया गया। जिनका संगीत से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा। उनका कहना है कि जो मुख्य कलाकार पहले भी मेले में कई बार कार्यक्रम देते रहे हैं, उन्हीं कलाकारों को इस बार भी बुलाया गया है। न कोई ऑडिशन रखी गई, न ही भाषा विभाग अथवा लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों को कलाकारों के चयन के लिए समिति में शामिल किया गया। सभी कलाकारों का चयन सिफारिशों के आधार पर होता रहा।
शिलाई और संगड़ाह के अनेक स्थापित कलाकारों ने मेले में कार्यक्रम देने का अवसर न मिलने पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि अपने ही जिला में उन्हें दरकिनार किया गया है और शिमला के अधिकतर कलाकारों को मौका दिया गया।
मेले में प्रेस दीर्घा में हर कोई बैठता रहा, जिससे मीडिया कर्मियों को कवरेज करने में काफी दिक्कत पेश आई। मेले में पानी व सफाई व्यवस्था भी काफी चरमराई हुई थी। मेले में आने वाले लोगों के लिए परिवहन निगम द्वारा कोई भी स्पेशल बसें नहीं लगाई गई थी। जिस कारण लोगों को वापिस घर जाने में काफी परेशानी पेश आई। यही नहीं मेले में खाने पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता की जांच की कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग धूल के कण वाली मिठाईयां व अन्य खाद्य पदार्थ इस्तेमाल करते रहे।
एसडीएम कार्यालय के सूत्रों के अनुसार तीन दिवसीय मेले में प्रमुख एवं अन्य कलाकार विभिन्न क्षेत्र के महिला मंडलों और स्थानीय स्कूलों सहित 142 दलों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नगर पंचायत क्षेत्र में आचार संहिता होने के कारण मंच पर राजनीतिक दबाव कम रहा जिससे आमजन को सुकून मिला। कुल मिलाकर प्रशासन एवं मेला समिति की ओर से सभी आवश्यक प्रबंध बेहतरीन ढंग से किए गए थे।