शिमला, 20 मार्च : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार प्रभावी कदम उठा रही है और बजट में अहम घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रीन एनर्जी स्टेट के एवज में राज्य में कोई सेस नहीं लगाया जाएगा। प्रदेश सरकार का पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का भी कोई विचार नहीं है।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान चुराह के विधायक हंसराज द्वारा पूछे गए पूरक सवाल के जवाब में यह बात कही। हंसराज ने पूरक सवाल किया कि सरकार की मंशा ऐसी तो नहीं है कि ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के चक्कर में राज्य में ग्रीन सैस लगाया जाएगा या पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के छह राष्ट्रीय उच्च मार्गों व राज्य उच्च मार्गों को ग्रीन कोरिडोर में शामिल किया गया है। इनमें परवाणु-नालागढ़-ऊना ग्रीन कोरिडोर के टैंडर अवार्ड कर इसके लिए बजट प्रावधान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी में 1500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इन बसों को चलाने से पहले आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। इसके लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।
इससे पहले गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के मूल सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार ने अपनी इच्छाशक्ति जाहिर कर दी है। सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि ई-सार्वजनिक परिवहन के लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने ग्रीन ट्रांसपोर्ट के लिए बजट में सब्सिडी की विभिन्न घोषणाएं की है। राजेश धर्माणी ने पूरक सवाल में जानना चाहा कि सरकार द्वारा नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के लिए कोई विचार विमर्श हुआ है और क्या राज्य में पीपीपी मोड पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इस पर उपमुख्यमंत्री में कहा कि पीपीपी मोड के लिए विकल्प खुले हैं।