स्पीति/तेन्जिन वांगयाल : बर्फबारी के बाद पूरी तरह जम चुकी चंद्रताल झील में याकों के फंसे होने की संभावना पैदा हुई है। इसको लेकर सुख आश्रय सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। सोशल मीडिया में भोटी भाषा में भी मदद मांगी गई है। दरअसल, चंद्रताल झील में दो याक देखे जाने की खबर स्पीति घाटी में तेजी से फैली। लोसर के छेरिंग पलदन ने कहा कि चंद्रताल में और भी याक हो सकते हैं।

उनका कहना है कि गत वर्ष उनके याक के साथ-साथ गांव के 11 याक भटक गए थे। बैक कंट्री स्नो टूरिंग एक्सपीडिशन द्वारा दो याक देखे गए। करीब एक महीना और स्थानीय ग्रामीण चंद्रताल की तरफ नहीं जा सकते हैं। यदि इस दौरान बर्फबारी का क्रम जारी रहा तो बर्फीले मरुस्थल बन चुकी चंद्रताल के क्षेत्रों में चारे के अभाव में याक की जीवित रहने की संभावना घट जाएगी।
काजा : बर्फ़ से लकदक स्पीति की चंद्रताल झील किनारे कैमरे में कैद हुए “चुरु” प्रजाति के याक
उनका कहना था कि याक ठंड सहन कर सकते हैं, लेकिन भूखे पेट जीवित नहीं रह पाएंगे। उन्होंने सरकार से हैलीकाॅप्टर के माध्यम से चंद्रताल में फंसे पालतू पशुओं को चारा पहुंचाने की गुहार लगाई है। इसी बीच लोसर के टकपा वंगदन ने कहा कि गांव से 11 याक लापता हो गए थे। इसमें से दो के चंद्रताल में होने के प्रमाण मिले हैं। उन्होंने कहा कि बर्फ पड़ने पर भूख से मर सकते हैं।

उनका कहना था कि सरकार एक महीने के चारे का इंतजाम कर दे तो ये याक जीवित रह सकेंगे। हैलीकाॅप्टर के माध्यम से चारा पहुंचाया जा सकता है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 17 मार्च को इस आशय का समाचार प्रकाशित किया था कि बर्फ से लकदक चंद्रताल झील के किनारे चुरू प्रजाति के दो याक साइट हुए हैं। बर्फ के बीच घास के भूूखंड पर मौजूद थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भूख के कारण चारा तलाश कर रहे हैं। इस खबर के बाद ही क्षेत्रवासियों में याकों के जीवित होने की उम्मीद बढ़ गई।