सुंदरनगर, 18 मार्च : मंडी जिला का राज्यस्तरीय नलवाड़ और सुकेत देवता मेला सुंदरनगर विवादों के घेरे में आ गया है। मेला आयोजन को लेकर नगर परिषद सुंदरनगर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों ने प्रशासन पर अनदेखी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि मंडी की नगर परिषद सुंदरनगर पूरे प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद है। वहीं सुंदरनगर में आयोजित होने जा रहे राज्यस्तरीय नलवाड़ और सुकेत देवता मेला जिला सहित प्रदेश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। लेकिन प्रशासन के तानाशाह रवैये के खिलाफ जनप्रतिनिधियों द्वारा मोर्चा खोलने से मेलों के आयोजन को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है।
मामले को लेकर नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि राज्यस्तरीय नलवाड़ और सुकेत देवता मेला शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। लेकिन मेले के आयोजन को लेकर होने वाली किसी भी बैठक में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाया तक नहीं गया है। बंद कमरे में कुछ लोगों के साथ मेले की रणनीति बनाई जा रही है। राज्यस्तरीय नलवाड़ और देवता मेले के आयोजन को लेकर पहली बार सत्ता परिवर्तन के बाद अव्यवस्था का ऐसा आलम देखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मेलों के आयोजन में कभी राजनीति आड़े नहीं आई है और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मेले आयोजित करवाते आ रहे हैं।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार एसडीएम सुंदरनगर देख रहे हैं। नगर परिषद के निर्वाचित सदस्यों के साथ पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों, समाजसेवियों और स्थानीय सामाजिक संस्थाओं की इस प्रकार से हो रही अनदेखी सही नहीं है। जितेंद्र शर्मा ने कहा कि कभी भी इस तरह की अव्यवस्था का आलम देखने को नहीं मिला है। जबकि मेले का आयोजन नगर परिषद की जमीन पर होता है। ऐसे में नगर परिषद की अनदेखी समझ से परे है।