मंडी, 30 जनवरी : छोटी काशी मंडी के हनुमान घाट पर बने मोक्ष धाम में ग्रीन क्रिमेटोरियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। नगर निगम मंडी द्वारा अमेरिका में बसे मंडी शहर के निवासी समाजसेवी डॉ. पुष्पराज कपूर व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इस ग्रीन क्रिमेटोरियम का निर्माण किया गया। ग्रीन क्रिमेटोरियम में अंतिम संस्कार करने के लिए सामान्य तौर पर लगने वाली लकड़ी जहां आधे से भी कम इस्तेमाल होगी।
वहीं, इस पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। इसमें धुआं उत्सर्जन के लिए 100 फीट ऊंची चिमनी लगाई गई है। इस चिमनी से धुआ पानी में फिल्टर होकर बाहर निकलेगा जिससे यहां के स्थानीय निवासियों को शव के जलाने पर निकलने वाली हानिकारक गैसों व धुएं से निजात मिलेगी। ग्रीन क्रिमेटोरियम की एक खास बात यह है कि चिमनी से धुआं उत्सर्जन घटकर लगभग आधा हो जाएगा।
वीर मंडल के प्रधान चंद्रशेखर वैद्य ने बताया कि ग्रीन क्रिमेटोरियम को बनाने के लिए डॉक्टर पुष्पराज कपूर ने नगर निगम को 24 लाख का सहयोग किया है। इस यूनिट को फरीदाबाद की कंपनी द्वारा स्थापित किया गया। ग्रीन क्रिमेटोरियम सिस्टम में डेढ़ क्विंटल लकड़ी से शव जल जाएगा। ग्रीन क्रिमेटोरियम यूनिट स्थापित करने का काम पूर्ण हो चुका है। इसे सोमवार को पुष्प कपूर के परिवार जनों द्वारा जनता को समर्पित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि यह ग्रीन क्रिमेटोरियम हिमाचल प्रदेश का पहला यूनिट मंडी के छोटी काशी में स्थापित किया गया।
उन्होंने आमजन से यह अनुरोध किया कि वह अपने मन में किसी भी प्रकार का भ्रम न पाले। यहां पर हिंदू रीति रिवाज के तौर पर ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। जो विधि विधान आम चित्ता जलाने पर किया जाता है। उसी विधान से ही ग्रीन क्रिमेटोरियम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने जनता से अनुरोध करते हुए कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक ही अंतिम संस्कार के लिए आये। क्योंकि उसके उपरांत इसे चलाने के लिए मुश्किल आएगी, क्योंकि कर्मचारी को भी 12 घंटे से ज्यादा नहीं रोका जा सकता।
वहीं, पुष्पराज कपूर के रिश्तेदार ओसी मल्होत्रा ने बताया कि यह ग्रीन क्रिमेटोरियम पुष्प कपूर और प्रतिभा कपूर के द्वारा कार्य करते हुए नगर निगम मंडी को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पर्यावरण को भी किसी प्रकार की क्षति नहीं होगी।कहा कि पुष्पराज कपूर वल्लभ महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रवक्ता रहे हैं। उनको यह ख्याल भी था कि वह मंडी के लिए कुछ खास करें। इसलिए उन्होंने यह ग्रीन क्रिमेटोरियम जनता को समर्पित किया।