नाहन, 28 जनवरी : सिरमौर में दो नए औद्योगिक क्षेत्रों (industrial areas) की तलाश शुरू कर दी गई है। एक सप्ताह के भीतर विभाग द्वारा उद्योग मंत्री (Industry Minister of Himachal) को प्रगति रिपोर्ट दी जाएगी। जिला उद्योग केंद्र इस कार्य में तत्परता से जुटा हुआ है। ठोस प्रस्ताव मंत्री के समक्ष रखने की कवायद भी चल रही है। हालांकि, ये साफ नहीं किया गया है कि नए औद्योगिक क्षेत्र कहां स्थापित किए जाएंगे, लेकिन माना जा रहा है कि एक स्थान गिरिपार के क्षेत्र में हो सकता है।

जानकारों की मानें तो 118 की दिक्कत के कारण नए उद्योग आने से कतराते हैं। इस दृष्टि से भी सरलीकरण को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में दो नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की बात कही थी।
बताते हैं कि मौजूदा में उद्योग विभाग के पास उद्योगों को देने के लिए एक इंच भी भूमि नहीं है। ये भी बताया जा रहा है कि उद्योग विभाग ने अपने स्तर पर पांवटा साहिब के गोंदपुर में उद्योगों को करीब साढे़ तीन दशक पहले भू खंड उपलब्ध करवाए थे, इसके बाद कालाअंब के जोहड़ों में प्लाॅट उपलब्ध करवाए गए थे। इसके अलावा उद्योगों को अपने स्तर पर ही कड़ी दिक्कतों का सामना करने के बाद प्लाॅट खरीदने पड़े। इसके बाद कई जटिल प्रक्रियाओं के कारण भी उद्योगों ने निवेश से किनारा किया।
हालांकि, पिछले दो दशकों में लैंड बैंक बनाने को लेकर कई कवायद चली, लेकिन ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। अब चूंकि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सिरमौर से ही हैं, लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि औद्योगीकरण को नई दिशा मिलेगी। फिलहाल सिरमौर में औद्योगिक विस्तार पांवटा साहिब व कालाअंब तक ही सिमटा हुआ है।
उधर, उद्योग मंत्री की 2 फरवरी को शाम 3ः30 बजे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री पांवटा साहिब (Chamber Of Commerce And Industry Paonta Sahib) के प्रतिनिधियों से भी बैठक तय हुई है। शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद किसी औद्योगिक संघ के साथ उनकी पहली औपचारिक बैठक होने जा रही है। इस दौरान मंत्री द्वारा स्थानीय उद्यमियों की समस्याएं भी सुनी जाएंगी। साथ ही राज्य सरकार की औद्योगिक विकास में कारोबार में सरलता पर भी चर्चा होगी।
प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति पर भी दोनों पक्ष अपने-अपने विजन को साझा करेंगे। अहम बात ये भी है कि सिरमौर में इससे पहले औद्योगिक विस्तार को लेकर सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास नहीं हुए। कालाअंब में उद्योग इस कारण आए, क्योंकि चंडीगढ़, अंबाला, यमुनानगर के साथ-साथ देश की राजधानी की कनेक्टिीविटी सुगम थी।
इसी तरह की स्थिति पांवटा साहिब में भी रही। उत्तराखंड की राजधानी महज 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यमुनानगर व सहारनपुर की कनेक्टिविटी भी एक से दो घंटे के बीच की है। करीब 4 घंटे के सफर के बाद देश की राजधानी भी पहुंचा जा सकता है।
उधर, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक जीएस चौहान (GM Industry GS Chauhan) ने कहा कि उद्योग मंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर सिरमौर में दो नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की बात कही गई है। इसको लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर मंत्री के समक्ष प्रगति रिपोर्ट पेश की जाएगी।