नाहन, 20 जनवरी : पलक झपकते ही 12-13 साल की बच्ची तेलुगु भाषा सीख लेती है। फर्राटेदार तरीके से बोलना भी शुरू कर देती है। ये अदभुत प्रतिभा शायद लाखों बच्चों में एक को ही कुदरत से मिलती होगी। अनोखी प्रतिभा को देखकर दक्षिण भारत के मशहूर निर्देशक एसएस राजामौली (SS Rajamauli) न केवल आश्चर्यचकित रह गए थे, बल्कि क्यूट सी पहाड़ी बच्ची को तेलुगू फिल्म आरआरआर (RRR) में चाइल्ड आर्टिस्ट का किरदार भी सौंप दिया।
करीब तीन साल की शूटिंग के बाद जब फिल्म रिलीज हुई तो सोलन की ट्विंकल अपने मल्ली के किरदार में सुपरहिट फिल्म आरआरआर की स्टार बन चुकी थी। यदि आप दक्षिण भारत में जाकर ये कहते हैं कि हम मल्ली के प्रदेश से आए हैं तो हर कोई पहचान लेगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा आयोजित सातवीं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए आयोजित इंद्रधनुषी कार्यक्रम में ‘मल्ली’ नाहन पहुंची। इस दौरान मल्ली ने विशेष बातचीत के दौरान खूब बातें साझा की। प्रस्तुत है मल्ली की शैलेंद्र कालरा से खास बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : शूटिंग के दौरान का कोई खास किस्सा शेयर करें।
जवाब: आंध्र प्रदेश के जंगलों में शूटिंग चल रही थी। इस दौरान एक ट्राइबल बच्ची के रूप में पारंपरिक वेशभूषा पहननी होती थी। ठंड बहुत थी। एक शाॅट के बाद जैकेट पहनती थी। बीमार भी हुई तो क्रू का हरेक सदस्य दुलार से केयर करता था।
सवाल: चंद पलों में तेलुगु कैसे सीख ली।
जवाब: मुझे ऐसा लगा था कि हिन्दी फिल्म होगी। अचानक ही सामने तेलुगु की स्क्रिप्ट आ गई। इसके बाद वो तेलुगु में स्क्रिप्ट बोल रहे थे, साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी डायलाॅग दिए गए थे। पूरा फोकस तेलुगू पर किया तो सीखने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
सवाल: आपके तेलुगू को तुरंत सीख लेने से क्या प्रतिक्रिया थी?
जवाब: मैंने कभी तेलुगू नहीं पढ़ी थी। जब अवसर मिला तो ध्यान केंद्रित करने से ही पल भर में ही सफलता मिली थी। निश्चित तौर पर राजामौली सर के अलावा सब हैरान हुए थे। कैसे सैंकड़ों किलोमीटर दूर उत्तर भारत के हिन्दी भाषी प्रदेश की नन्हीं बच्ची तेलुगू सीख गई।
सवाल: क्या नए प्रोजेक्ट के ऑफर मिल रहे हैं?
जवाब: मुस्कुराते हुए…प्रोजैक्ट तो मिल रहे हैं, फिलहाल पढ़ाई पर फोकस करना है। जमा एक में काॅमर्स संकाय में पढ़ाई कर रही हूं। मुंबई शिफ्ट होने का भी प्रस्ताव था, परिवार में सब चाहते हैं कि पहले बेसिक पढ़ाई पूरी होनी चाहिए। इतना जरूर है कि मुझे अभिनय के क्षेत्र में सीखने के लिए प्रदेश से बाहर जाना ही होगा।
सवाल: एमबीएम की क्विज प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में आकर कैसा लगा?
जवाब: मुझे पहले ज्यादा नहीं पता था, जब कार्यक्रम में आने का निमंत्रण मिला तो इस इवेंट के बारे में जानकारी जुटाई। ऐसा महसूस हुआ, मुझे भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहिए था। मेरे पास 8वें सीजन में हिस्सा लेने का अवसर है। हो सकता है, छोटे भाई पीयूष के साथ ही टीम बना लूं।
सवाल: युवाओं, खासकर किशोरों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब: बेशक ही सफलता जल्दी मिलनी शुरू हो जाए, बेसिक पढ़ाई पूरी होनी चाहिए। मैं खुद भी पढ़ाई पर फोकस कर रही हूं। दो माह बाद परीक्षाएं होनी हैं, इस कारण नए ऑफर्स भी स्वीकार नहीं किए हैं।
सवाल: सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगी?
जवाब: आपने कहा, मैंने चंद मिनटों में तेलुगु सीख ली। इसकी बदौलत आरआरआर जैसी मूवी में कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला। सवाल ये है कि यहां तक मैं कैसे पहुंची। निश्चित तौर पर माता-पिता का सहयोग नहीं होता तो ऑडिशन तक ही नहीं पहुंच पाती। मम्मी ने हमेशा ही हौंसला बढ़ाया है। वो हमेशा कहती हैं कि जल्दबाजी नहीं करनी है। सफलता का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता।
सवाल: ‘मल्ली’ की जब तस्वीर क्लिक होती हैं तो मुस्कुराने में कंजूसी बरतती हैं, ऐसा क्यों?
जवाब: ऐसा नहीं है, खुलकर हंसती हूं….ये कहते ही मल्ली खिलखिला कर मुस्कुराते हुए अपनी मम्मी की तरफ देखने लगी।
सवाल: आरआरआर शूटिंग के दौरान लंबे अरसे तक दक्षिण में रहना पड़ा। खाने की एडजस्टमेंट कैसे होती थी?
जवाब: जूनियर एनटीआर सर बहुत प्यार से रखते थे। खाने की दिक्कत पर साउथ के सुपरस्टार रामचरण सर मुझे खाने के साथ-साथ कोई दिक्कत होने पर अपने साथ घर भी ले जाया करते थे। उनका परिवार बेहद ही दुलार के साथ ध्यान रखता था। कभी ऐसा लगा ही नहीं कि मैं हजारों किलोमीटर दूर आई हूूं। रामचरण सर की पत्नी भी मुझे बहुत प्यार से घर पर खाना खिलाती थी।
सवाल: हाल ही में आरआरआर मूवी को गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिले।
जवाब: मुस्कुराते हुए, बहुत ही अच्छा लगा। अचानक ही दक्षिण भारत के मीडिया से प्रतिक्रियाओं के फोन आने शुरू हुए। खुद को फिल्म की कामयाबी पर बेहद गौरवान्वित महसूस करती हूं, क्योंकि इसके शूट का हरेक दिन आज भी याद है।
सवाल: दक्षिण भारत से हिमाचल का आपके माध्यम से गहरा रिश्ता बन गया है। जवाब : ये तो है। सब पूछते थे, कहां से हो तो गौरवान्वित होकर बताती थी कि मैं हिमाचल प्रदेश के सोलन से आई हूं।
सवाल: छुट्टियां चल रही है, क्या कर रहे हो?
जवाब: आपकी इवेंट में आई हूं। बर्फ पड़ने का इंतजार है, ताकि मस्ती की जाए। स्कूल का होमवर्क भी कम्पलीट कर रही हूूं। मम्मी से कुछ रेसिपी सीख रही हूं।
सवाल: नाहन आकर सबसे अच्छा क्या लगा?
जवाब: सब लोगों ने बहुत प्यार दिया। अंदाजा नहीं था कि हिमाचल में भी इस तरीके से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
सवाल: कोविड के दौरान शूटिंग हुई, क्या चुनौतियां थी?
जवाब: शूटिंग के बाद भी बहुत काम था। घर बैठकर ही प्रोजेक्ट पूरा किया। टैक्निकल टीम के साथ लगातार संपर्क में रहना पड़ता था।
सवाल: फिल्म को लेकर कुछ खास बताएं।
जवाब: फिल्म का जब हिन्दी रूपांतरण आया तो अच्छा लगा। इसके लिए हिन्दी की डबिंग में भी उतनी ही कंफर्टेबल थी, जितनी तेलुगू के लिए थी।
सवाल: टीम एमबीएम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। अंत में क्या कहना चाहेंगी।
जवाब: थैंक यू…आप सबसे आग्रह है, एक बार आरआरआर मूवी जरूर देखें। मेरी हौसला अफजाई होगी, साथ ही बहुत अच्छा लगेगा।