शिमला, 10 जनवरी : राजधानी में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। इसके पर्दाफाश के बाद डाक विभाग ने आरोपी युवक के खिलाफ शिमला के सदर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई है।
मामले के अनुसार पिछले साल डाक विभाग की और से शिमला में ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती में चयन का आधार मैट्रिक परीक्षा की मेरिट रखी गई थी। ऐसे में एक युवक ने दसवीं की फर्जी अंक तालिका बनाकर उसमें अच्छे अंक दर्शा लिए और नौकरी भी ज्वाइन कर ली। हालांकि बाद में दस्तावेज जांच में यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया।
शिमला स्थित पोस्ट ऑफिस के सुपरिटेंडेंट ने शिकायत दर्ज करवाई कि मंडी जिला के सरकाघाट निवासी एक युवक का 10वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर डाक सेवक की नौकरी के लिए चयन हुआ। 09 सितम्बर 2022 को शिमला डाक डिवीजन की देवनगर शाखा में उसने नौकरी जॉइन कर ली। उसका 10वीं का सर्टिफिकेट झारखंड अकादमिक काउंसिल को सत्यापन के लिए भेजा गया तथा काउंसिल ने इसे फर्जी करार दिया।
एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपित के विरुद्ध सदर थाने में आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468 व 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
बता दें कि इससे पहले शिमला की आईजीएमसी अस्पताल में भी फर्जी दस्तावेजों के बूते एमबीबीएस में एडमिशन लेने का मामला सामने आया था। यहां युवक ने नीट परीक्षा के अंकों में गड़बड़ी कर एमबीबीएस की सीट हासिल कर ली थी। उधर, चंबा में नीट परीक्षा के अंकों में गड़बड़ी कर एमबीबीएस में दाखिला लेने का मामला सामने आया है।