हमीरपुर, 30 दिसंबर : हिमाचल के हमीरपुर और शिमला में सीबीआई की रेड के बाद चर्चाओं का माहौल गर्म है। हमीरपुर जिला के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर पिछले 1 सप्ताह से ड्यूटी से गायब है। दरअसल हमीरपुर जिले में भी सरकारी क्षेत्र में कार्यरत एक डॉक्टर के घर सीबीआई की टीम के छापेमारी की खबर सामने आई है।
यह डॉक्टर भोरंज क्षेत्र का रहने वाला है, जबकि सुजानपुर में सेवाएं दे रहा था।बताया जा रहा है कि डॉक्टर पिछले 23 दिसंबर से ही फरार हो गया था। हालांकि 23 और 24 को डॉक्टर ने बकायदा छुट्टी ली थी, लेकिन इसके बाद ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं किया। विभाग की तरफ से इससे डॉक्टर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। 28 दिसंबर को एक बार फिर डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है।
यह कहा गया है कि 2 दिन के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करें नहीं तो सर्विस कंडक्ट रूल के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं जब अधिकारियों से रेड की जानकारी लेनी चाही तो अधिकारियों का जवाब यही था कि हमें सीबीआई रेड की कोई जानकारी नहीं है।
क्या है मामला…
सीबीआई के अनुसार हिमाचल में भी विवेक वर्मा नामक व्यक्ति ने नियमों को ताक पर रखकर 2013 में राज्य की मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण करवाया, जबकि किरगिस्तान में वर्ष 2012 में वह परीक्षा में फेल हो गया था। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) के नियमों के अनुसार पात्रता परीक्षा पास किए बिना नैशनल मेडिकल काउंसिल व स्टेट मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण नहीं हो सकता था। फर्जी आधार पर पंजीकरण करने वालों के खिलाफ अब कानूनी शिकंजा कसेगा।
सीबीआई को कब शिकायत
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसी साल अक्तूबर महीने में सीबीआई निदेशक को पत्र लिखा था। इस पत्र में परीक्षा व पंजीकरण से जुड़े नियमों का हवाला देकर अवर सचिव सुनील कुमार गुप्ता ने आरोपितों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई करने का आग्रह किया था, जिसके आधार पर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की। जांच में आरोप सही पाए गए। उसके बाद केस दर्ज हुआ है।
क्या कहते है सीएमओ हमीरपुर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉक्टर आरके अग्निहोत्री ने बताया कि सीबीआई रेड की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला में सुजानपुर में तैनात एक डॉक्टर जरूर पिछले 1 सप्ताह से ड्यूटी से गायब है। 2 दिन की छुट्टी खत्म होने के बाद यह डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं लौटा है, इसे नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 2 दिन के भीतर जवाब न आने पर सर्विस रूल के तहत डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।