शिमला,30 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बढ़ते साइबर अपराध के मद्देनजर पुलिस ने एक खास कदम उठाया है। पुलिस महानिदेशक ने शिक्षा विभाग (education Department) के सचिव को पत्र लिखकर स्कूली पाठ्यक्रम में डिजिटल नागरिक शास्त्र और साइबर सुरक्षा को शामिल करने का आग्रह किया है। आंकड़ों की माने तो मोबाइल और डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर अपराध में वृद्धि हुई है। ये बात पहाड़ी प्रदेश के लिए चिंता की भी है। 2017 के 923 मामलों से बढ़कर 2021 में ये संख्या 6207 हो गई हैं।
पत्र में कहा गया है कि स्कूल पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा और डिजिटल नागरिक शास्त्र पर अध्यायों को शामिल करने से साइबर अपराधों पर जागरूकता होगी। स्कूलों में अध्ययन दौरान ही मोबाइल के साथ-साथ सोशल मीडिया के दुष्परिणामों के बारे में छात्रों को पता चल जायेगा। इसमें कोई दो राय नहीं है कि छात्रों की जागरूकता का फायदा समाज के अन्य वर्गों को भी मिल सकता है। साथ ही युवा पीढ़ी डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकेगी। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि स्कूल जाने वाले बच्चे कम उम्र से ही कंप्यूटर और मोबाइल फोन का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। लिहाजा उन्हें साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करना जरूरी हो गया है।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि पारंपरिक अपराध के विपरीत, साइबर अपराध (Cyber crime) की कोई सीमा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे अपराधों के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में नियमित रूप से जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन फिर भी साइबर अपराध से मुकाबला करना चुनौतीपूर्ण है। इसके अभियान आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य साइबर क्राइम में फिशिंग, पहचान की चोरी, ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर स्टॉकिंग, गोपनीयता पर आक्रमण, डेबिट/क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, एटीएम धोखाधड़ी और अश्लील साहित्य शामिल हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध में वृद्धि पाई गई है।
उधर पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम ) रोहित मालपानी ने कहा कि साइबर शिकायतों में 10 से 15 प्रतिशत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे शामिल होते हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम में सोशल मीडिया (social media) से जुड़ी शिकायतों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक हो जाती है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में डिजिटल नागरिक शास्त्र और साइबर सुरक्षा पर अध्याय शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई इस दिशा में पहले ही प्रभावी कदम उठा रहे हैं। एसपी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को भी कदम उठाना चाहिए। कुल मिलाकर देखना है कि हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग द्वारा पुलिस के सराहनीय प्रस्ताव पर क्या कार्रवाई करता है।