शिमला, 29 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के ट्रांसपोर्ट विभाग में हैवी ड्राइविग लाइसेंस (heavy driving license) बनवाने के दौरान फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लगाने का मामला सामने आया है। इसे लेकर विजिलेंस एंड एन्टी करप्शन ब्यूरो ने सोलन पुलिस स्टेशन में एक शख्स के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में शिमला से ताल्लुक रखने वाले जगदीश कुमार को नामजद किया गया है।
विजिलेंस ने जांच में पाया कि आरोपित ने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के नाम पर चार जिलों में फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जारी किए हैं। जानकारी है कि फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट से हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का मामला लंबे समय से चल रहा है।
विजिलेंस के मुताबिक आरोपी ने वर्ष 2020 से मई 2022 तक शिमला, सोलन, कुल्लू और किन्नौर जिलों में फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जारी किए हैं। विजिलेंस ने आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धाराओं 420, 468, 471,120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं विजिलेंस अब आरोपी को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
बता दें कि अगर किसी व्यक्ति को हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो उसे ड्राइविंग स्कूल में कुछ दिन की ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। जहां व्यक्ति को ड्राइविंग के बारे में जानकारी देकर उसे सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। यह सर्टिफिकेट हैवी ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के दौरान प्रयोग होने वाले दस्तावेजों के साथ लगाया जाता है। इसके बाद हैवी ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई होता है। वहीं विजिलेंस के डीआईजी ने मामले की पुष्टि की है।