मंडी, 27 नवंबर : रविवार को कॉमरेड ताराचंद भवन मंडी में सीटू राज्य सचिव मंडल की बैठक राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर भी विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय करना था।
बैठक उपरांत जानकारी देते हुए मंडी जिला के प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आने वाली 5 मार्च को दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें देश के सभी राज्यों के मजदूर भाग लेंगे। इसमें हिमाचल प्रदेश के मजदूर भी शामिल होंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सभी मजदूर संगठनों की बैठक दिसम्बर व जनवरी में आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीटू के माध्यम से आंगनबाड़ी वर्करों को एनटीटी कोटा निर्धारित किया था जिसे बाद में खत्म कर दिया गया। एनटीटी के माध्यम से उन्हें केजी और नर्सरी स्कूलों में अध्यापक नियुक्त किया जाए, पर मौजूदा सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। आने वाली जो सरकार होगी उसके समक्ष इस मांग को प्रमुखता से रखा जाएगा।
सरकार 27 लाख मजदूरों को 210 रुपये दिहाड़ी देकर उनके साथ भेदभाव कर रही है। प्रदेश में जितने भी अन्य दिहाड़ीदार है उन्हें 350 रुपये दिहाड़ी मिलती है। मनरेगा मजदूरों की भी दिहाड़ी 350 रुपये हो इसकी मांग की गई है।
ऑउटसोर्स वर्करों के लिए मौजूदा सरकार नीतियां बनाने में नाकाम रही। इस मामले पर भी राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे। इसके अलावा जो फोरलेन, एनएच, सफाई मजदूर, रेहड़ी फहड़ी वर्कर, मिड-डे-मील वर्कर इन सभी मजदूरों की जो मांगे लंबे समय से लंबित चल रही हैं, उन्हें प्रदेश स्तर पर पूरा करवाने के लिए जब विधानसभा बजट सत्र होगा उसके दोरान सरकार की उन नीतियों के खिलाफ सड़को पर उतर कर विरोध किया जाएगा।