शिमला, 22 नवंबर : हिमाचल प्रदेश के पक्षी प्रेमियों (bird Lover) के लिए एक शानदार खबर है। शीत मरुस्थल साइबेरिया (cold desert Siberia) से हजारों फ़ीट की उंचाई पर आसमान में उड़ान भरने के बाद एक परिंदा 11 साल बाद पौंग जलाशय ( Pong Reservoir) में पहुंचा है। पक्षियों के प्रति गहरी रूचि रखने वाले वनरक्षक अंकुश धीमान ने नगरोटा सूरियां में परिंदे (Bird) की तस्वीर भी क्लिक की है।
तस्वीर में साफ नजर आ रहा है कि परिंदे के गले में H47 का टैग (tag) लगा हुआ है। ये टैग फरवरी 2011 में लगाया गया था। वनरक्षक अंकुश धीमान ने ये पता लगाया कि परिंदा इससे पहले जलाशय में कब आया था, तो उसे जानकारी मिली कि फरवरी 2011 में साइबेरियन परिंदे बार हेडेड गूस ( Bar-headed goose) की टैगिंग की गई थी। इसके बाद वह जलाशय में साइट नहीं हुआ। संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि परिंदा 11 साल के भीतर पहले भी आया होगा, लेकिन सबूत (Evidence) के तौर पर तस्वीर 11 साल बाद कैप्चर हुई है।
हालांकि विदेशी मेहमान अक्तूबर मध्य जलाशय में पहुंचने शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार विदेशी परिंदों की हजारों किलोमीटर दूर से लैंडिंग एक से दो सप्ताह देरी से हुई है। रोमांचित बात यह भी है कि गत वर्ष की तुलना में विदेशी मेहमानों का जमावड़ा (assemblage) अधिक लग रहा है। दिसंबर में भी विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला जारी रहता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 5 साल से पौंग जलाशय में विदेशी परिंदों की टैगिंग नहीं हुई है।
यह टैगिंग मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी ( Bombay Natural History Society) द्वारा की जाती है। बता दे कि मुंबई स्थित मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी शायद भारत का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है, जो प्रकृति संरक्षण के पक्ष में उत्साह और गतिविधियों को बनाए रखने पर कार्यरत है।
#WATCH || हिमाचल में 11 साल बाद साइबेरिया से पहुंचा “परिंदा”, चहके पक्षी प्रेमी
रोचक बात यह है कि 11 साल पहले जब यह परिंदा नजर आया था, तो बच्चा था लेकिन अब एक वयस्क परिंदा (Adult Bird) बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय से भी अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने के बाद जब ये विदेशी परिंदे जलाशय में पहुंचते हैं तो इनका वजन कम होता है, लेकिन लौटते वक्त यह बढ़ना शुरू हो जाता है। काश, अगर इस परिंदे की जियो टैगिंग की गई होती, तो उसके आने का रूट व ठिकानों से जुड़ी कई जानकारियां भी मिल सकती थी।
वनरक्षक अंकुश धीमान 20 नवंबर की सुबह आठ बजे गश्त कर रहे थे। एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में अंकुश ने कहा कि विभाग के अधिकारी टैगिंग के आधार पर परिंदे से जुडी जानकारियां पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कुल मिलाकर पक्षी प्रेमियों में परिंदे को लेकर खासा उत्साह है। उधर, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि साइबेरियन बर्ड अमूमन सर्दियां शुरू होने पर जलाशयों में पहुंचते हैं। इससे पहले वह साइबेरिया में प्रजनन (Breeding) भी कर चुके होते हैं।