शिमला/प्रकाश शर्मा : पहाड़ी राज्य “हिमाचल प्रदेश” में सेब (Apple) की फसल (Crop) को ड्रोन (Drone) की उड़ान से ट्रांसपोर्ट (Transport) की सुविधा मिलने के आसार पैदा हुए है। इससे जुड़ा एक ट्रायल सोमवार को कामयाब हुआ है। प्रदेश के ऐसे इलाकों को फायदा मिलेगा, जहां सड़क सुविधा नहीं है। ऐसे में वायु मार्ग से फसल को मंडियों तक पहुंचाया जाएगा।
कंपनी हिमाचल के किन्नौर जिला के निचार में ड्रोन के माध्यम से सेब की पेटियों को ट्रांसपोर्ट (Transport) करने का ट्रायल (Trial) सफल हुआ है। 11 नवंबर को ट्रायल शुरू किया गया था। अथक कोशिश के बाद सोमवार को सफलता हासिल हुई है। ट्रायल में सेब की 25 किलो की पेटी को ड्रोन में लोड किया गया। ड्रोन ने पेटी को लेकर 9 किलोमीटर का सफर 7 मिनट 31 सेकंड में तय किया। ट्रायल का आयोजन स्काई एयर एंड वेग्रो (Skye Air & Vegrow) कंपनी द्वारा सहायक रूप से किया गया।। कंपनी का दावा है कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतनी मात्रा में सेब को ड्रोन के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया गया।
कोशिश सफल होने के बाद सेब बागवानी में खुशी की लहर है। निचार के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, यहां पैदल ही फसल को मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ता है।
कंपनी के मैनेजर दिनेश नेगी ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में बताया कि पिछले 3 दिनों से इस कार्य में जुटे हुए थे। कड़ी मेहनत के बाद यह ट्रायल सिरे चढ़ा है। उन्होंने बताया तीन दिन के ट्रायल के दौरान अलग-अलग जगह से ड्रोन को उड़ाया गया। पहले चरण के ट्रायल में 25 किलो सेब से भरी पेटी (25 KG Apple Box) को लोड किया गया। ड्रोन को तकरीबन 8 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ाया (Flight) गया था। 9 किलोमीटर का सफर में 7 मिनट 31 सेकंड में हुआ।
उन्होंने बताया कि निचार गांव के जिस स्थान से ड्रोन ने टेकऑफ (TakeOff) किया, उस जगह की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 3 हजार मीटर के आसपास है। कंपनी के मुताबिक ट्रांसपोर्ट के शुल्क को फिलहाल तय नहीं किया गया है। इस पर कंपनी द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पहले ट्रायल में 25 किलो की पेटी को ही ट्रांसपोर्ट किया गया है, इसकी क्षमता को 100 किलो तक बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि कंपनी प्रयास है कि एक बार में तकरीबन 100 किलो के वजन को ट्रांसपोर्ट किया जा सके, जिससे पैसों की बचत के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
#WATCH || किन्नौर के सेब की गगनचुंबी उड़ान, 25 किलों की पेटी ने हवा में तय किया 9 KM सफर
बता दें कि किन्नौर का निचार क्षेत्र काफी दुर्गम है। ऊपरी इलाकों में सड़क सुविधा न होने की वजह से हर सीजन सेब व अन्य फसल को मुख्य मार्ग तक पहुंचाने में बागवानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर कंपनी द्वारा ट्रायल का आयोजन किया गया।
क्या पीएम मोदी का दावा भी होगा सच
कुल्लू दशहरे के उपलक्ष में हिमाचल पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का ज़िक्र किया था कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में ड्रोन के माध्यम से आलू को मंडियों मंडी तक पहुंचाया जाएगा। सेब के सफल ट्रायल के बाद अब आलू की फसल को भी ड्रोन के माध्यम से पहुंचाने का रास्ता आसान नजर आ रहा है। देखना यह होगा कि यह सुविधा किसानों व बागवानों कब नसीब होगी। फिलहाल प्राइवेट कंपनी द्वारा ही यह ट्रायल किया गया है, देखना यह भी होगा कि सरकार के स्तर पर इसे प्रभावी बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।
मशहूर है किन्नौर का सेब
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर का सेब (Kinnour Apple ) मशहूर है। हर साल करीब 36 लाख पेटियां मंडियों तक पहुंचती है। कई क्षेत्र ऐसे भी है, जहां बर्फबारी (Snowfall) के बीच ही फसल का तुड़ान होता है। कंपनी के मैनेजर दिनेश नेगी ने बताया कि निचार काफी ठंडा क्षेत्र है। यहां पर लोग केवल 6 महीनों के लिए ही रहते हैं। बर्फबारी अधिक होने की वजह से लोगों को निचले इलाकों में पलायन करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बागवानी की दृष्टि से क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। इलाके में हजारों की संख्या में नए सेब के पौधे लगाए गए हैं। जो भविष्य में किन्नौर में सेब की पैदावार को बढ़ाएंगे।