नाहन (ए वर्मा): हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. डॉ. वाईएस परमार समेत देश-प्रदेश को नामी हस्तियां देने वाला शमशेर सीनियर सैकेंडरी स्कूल नाहन 233 साल का हो गया है। हालांकि स्कूल की स्थापना की सही तारीख रिकार्ड में मौजूद नहीं हैं, लेकिन स्कूल में इतना जरूर अंकित हैं कि इसे 1783 में शुरू किया गया था। सिरमौर रियासत के महाराजा शमशेर प्रकाश के नाम पर इस स्कूल की स्थापना की गई थी। स्पष्ट नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है यह स्कूल प्रदेश का सबसे पुराना स्कूल हैं।
हैरानी की बात है कि 233 साल की समयावधि पूरी कर चुके इस स्कूल को आज तक धरोहर का दर्जा नहीं मिल पाया है। जबकि 1903 में बने कालका-शिमला रेल ट्रेक को धरोहर का दर्जा मिल चुका हैं। लेकिन दो शताब्दी से अधिक पुराने इस स्कूल का शायद प्रदेश के इतिहास में कहीं भी जिक्र नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षा विभाग ने भी इस स्कूल को ऐतिहासिक धरोहर का दर्जा दिए जाने की कभी मांग नहीं की। इस स्कूल ने हरेक क्षेत्र में देश-प्रदेश को कई हस्तियां प्रदान की हैं। फिर चाहे वो राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी, अखिल भारतीय सेवाएं, भारतीय सेना, विभागाध्यक्ष या फिर अन्य क्षेत्र हो। हर क्षेत्र में पहुंचकर यहां के बहुत से पूर्व छात्रों ने स्कूल का नाम रोशन किया है। लोगों की मांग है कि इस स्कूल को राज्य धरोहर का दर्जा प्रदान किया जाना चाहिए। उधर इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल सतीश दुग्गल ने कहा कि यह स्कूल काफी पुराना है। 1783 में इसकी स्थापना की गई थी।
डॉ. परमार समेत कई राजनीतिज्ञ व स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं छात्र
प्रथम मुख्यमंत्री एवं हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने इसी स्कूल से अपनी बुनियादी शिक्षा ग्रहण की थी। इसके अलावा संसद सदस्य प्रताप सिंह, संसद सदस्य एवं स्वतंत्रता सेनानी शिवानंद रमौल, स्वतंत्रता सेनानी देवेंद्र सिंह चौहान, धर्म नारायण वकील, बीडी कौशिक, जगमोहन रमौल, भाई राजेंद्र सिंह, सुमेर चंद अग्रवाल, विधानसभा के भूतपूर्व उपाध्यक्ष एवं स्कूल शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रो. तपेंद्र सिंह, पूर्व विधायक ठाकुर हितेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री ठाकुर गुमान सिंह, पूर्व राज्य मंत्री भाई सुंदर सिंह, पूर्व विधायक सदानंद चौहान भी इसी स्कूल के स्टुडेंट रहे हैं।
अखिल भारतीय सेवाओं में इन्होंने चमकाया नाम
इस स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर चुके एसएस परमार प्रदेश में मुख्य सचिव के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा पंडित राम स्वरूप, पंडित मूलराज, ठाकुर राजेंद्र सिंह, कंवर नरवीर सिंह, बसंत राज जैन, विनोद प्रकाश गुप्ता, अशोक कुमार, दुर्गेश जोशी, राजेंद्र सिंह नेगी, वी मोहन, डीडी शर्मा, कृष्ण कुमार दास, मनोज अग्रवाल, कुंवर अजीत सिंह, जगत सिंह, गंगवीर सिंह, एडी बाली ने भी अपनी बुनियादी शिक्षा इसी स्कूल से हासिल की थी।
सेना को दिए 3 लेफ्टिनेंट जनरल
इस स्कूल ने भारतीय सेना को तीन लेफ्टिनेेंट जनरल भी दिए हैं, जिसमें आरपी अग्रवाल, वीके सेवल, डीपी सिंह शामिल हैं।
सीबीआई के पूर्व निदेशक का भी यही स्कूल
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक पद पर नाहन निवासी अश्वनी कुमार अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही वह नागालैंड के पूर्व गवर्नर व पूर्व पुलिस महानिदेशक हिमाचल प्रदेश के पदों पर कार्य कर स्कूल का नाम रोशन कर चुके हैं।
विभागाध्यक्षों की फेहरिस्त भी लंबी
देश समेत प्रदेश में विभिन्न विभागों के विभााध्यक्ष भी इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। इसमें मोहन लाल बंसल, मुन्ना लाल बंसल, वीएस गौतम, कृष्ण स्वरूप, पदम स्वरूप बंसल, बलदेव सिंह, राजेंद्र रमौल, डीपी जोशी, महेंद्र प्रताप, अमरनाथ, डीपीएस मोहिल, एनपी अग्रवाल, आईसी शर्मा, जेपी शर्मा, ओसी शर्मा, शशिकांत, अमर सिंह चौहान, रमेश चंद बंसल, रामगोपाल वर्मा शामिल हैं।
न्याय एवं विधि विभाग भी मनवाया लोहा
स्कूल के पूर्व छात्रों ने न्याय एवं विधि विभाग में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। स्कूल के पूर्व छात्र सुरेंद्र प्रकाश हाईकोर्ट के न्यायाधीश, हरिचंद बार-एट-लॉ, जसवंत सिंह तोमर चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट, विशाल मेहता सोलीसिटर, राजेंद्र तोमर चीफ ज्यूडिशिलय मैजिस्ट्रेट ऊना के पदों पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा साहित्य, शिक्षा, खेल एवं विविध क्षेत्रों समेत सिरमौर रियासत से संबंधित प्रशासकों की फेहरिस्त भी काफी लंबी हैं, जिन्होंने स्कूल का नाम चमकाया है।
निदेशालय से उठाएंगे मामला : हारटा
शमशेर स्कूल को राज्य धरोहर का दर्जा दिलाने के मामले में जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी अनिल हारटा ने कहा कि यह सही है यह स्कूल बेहद पुराना है। इसे हैरिटेज में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को निदेशालय से उठाया जाएगा, ताकि इस दिशा में उचित कदम उठाए जा सके।