मंडी (वी. कुमार): मंडी की वरिष्ठ कवयित्री हरिप्रिया शर्मा के दो काव्य संग्रहों का विमोचन शिमला में महिला साहित्यकार सम्मेलन में अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने किया। शिमला के गेयटी थियेटर में जारी पुस्तक मेले के दौरान कला-संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित महिला साहित्यकार सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही प्रतिभा सिंह ने हरिप्रिया शर्मा की दो किताबों वे औरतें और कैलेंग्वे बीच की सुनहरी रेत पर का विमोचन किया।
हरिप्रिया शर्मा की वे औरतें पुस्तक पर आलोचक जितेंद्र ने टिपणी करते हुए कहा कि कवयित्री हरिप्रिया शर्मा की काव्य दृष्टि प्रभर और प्रतिबद्ध है। उनकी कविताओं में औसत का भी अतिरेक नहीं है। हरिप्रिया की कविताएं स्त्री मन के तलछट की सोनोग्राफी की रिपोर्ट की तरह है। जो हमारे समाज की विसंगतियों पर बिच्छू के डक़ की तरह चोट करती है। वहीं पर उनके दूसरे काव्य संग्रह के बारे में कवि आलोचक दिनेश धर्मपाल का कहना है कि कैलेंग्वे बीच की सुनहरी रेत पर भरमण करती हरिप्रिया शर्मा अंतत: मानती है कि अंतरद्वीप प्रज्वलित होना चाहिए। तभी हम चारों ओर फैली सुशोभा का अवलोकन कर आल्हादित हो पाएंगे। भीतर का दीप जलेगा तो बाहर के अंधेरे का छटना तय है, बदसूरती का निष्कासन तय है। एक श्रेष्ठ विश्व की रचना में वैचारिक आलोडऩ-उद्वेलन कैसे कारगर भूमिका निभा सकता है, यह कहने में हरिप्रिया सफल हुई है।