शिमला, 19 अगस्त : प्रदेश में सेब सीजन अपने चरम पर है, और वहीं बागवानों की समस्याओं को लेकर राजनीति भी अपने उफान पर है। एक और जहां किसान बागवान आंदोलनरत है। आम आदमी पार्टी, माकपा और कांग्रेस भी भगवानों के समर्थन में खड़े हैं। वहीं भाजपा किसान मोर्चा इसे मात्र बागवान नेताओं का आंदोलन करार दे रहा है।
भाजपा किसान मोर्चा का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल बागवानों की समस्याओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि बागवानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है, और लगातार बेहतर कदम उठा रही है।
भाजपा किसान मोर्चा के महासचिव संजीव देष्टा ने शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार किसान बागवान हितेषी है और बागवानों की समस्याओं के समाधान को लेकर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में सेब का सीजन चरम पर है और ऐसे में कुछ बागवानी नेता और राजनीतिक दलों द्वारा बागवानों को बहला कर आंदोलन का नाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 20 सूत्रीय जो मांग पत्र बागवानों – किसानों ने सरकार को दिया था। उसमें अधिकतर के समाधान कर लिए गए हैं, जिनमें एचपीएमसी और हिमफेड में फंसी बागवानों की पेमेंट को जारी करवाया गया है।
सेब का समर्थन मूल्य पिछले 4 सालों में लगातार बढ़ाया गया है। संजीव देष्टा ने कहा कि अदानी द्वारा हाल ही में जो सेब के रेट जारी किए गए हैं, वह कम है। इसके लिए बागवानों के लिए गठित कमेटी के माध्यम से रेट बढ़ाने की मांग की जाएगी।