बिलासपुर, 16 जुलाई : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) कोठीपुरा बिलासपुर में कर्मचारियों ने कंपनी के ठेकेदारों की पोल खोल दी है। कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि उनकी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा कंपनी के ठेकेदार डकार रहे हैं। कंपनी के कर्मचारियों को ईएसआई नहीं दिया जा रहा है, दो से तीन-तीन महीने के बाद वेतन मिल रहा है। कंपनी के कर्मचारियों ने भारतीय मजदूर संघ (Indian labor union) के बैनर तले एक बैठक की और फैसला किया कि जल्द ही आंदोलन शुरू होगा।
लाखों का झोल…
एम्स बिलासपुर के निर्माण में लगी एनसीसी कंपनी ने कई ठेकेदारों को काम दिया हुआ है। ठेकेदारों के माध्यम से आगे कर्मचारी निर्माण का कार्य कर रहे हैं। कुछ ठेकेदार कंपनी की तरफ से दिया जाने वाला पूरा वेतन नहीं दे रहे हैं। इससे अब निर्माण कार्य में लगे कर्मचारी उग्र होने लगे हैं।
निर्माण में लगे कर्मचारियों पूनम कुमारी, जगदीश कुमार, पूजा कुमारी, कांता देवी, सीता देवी, राम प्यारी, सरस्वती, लीला देवी, सुमन कुमारी और रजत ने बताया कि कंपनी की तरफ से 395 रुपये की दिहाड़ी दी जाती है। कंपनी द्वारा रखे गए ठेकेदार उन्हें 395 की जगह 320 रुपये ही दे रहे हैं। एक कर्मचारी का प्रतिदिन वह 70 रुपये का नुकसान कर रहे हैं, इसी तरह महीने में करीब 2100 रुपये का नुकसान कर्मचारियों को हो रहा है।
भारतीय मजदूर संघ की एम्स इकाई की प्रधान कांता ठाकुर व महासचिव पुनीत कुमार ने कहा कि अगर उन्हें उनका पूरा वेतन समय पर नहीं दिया गया तो वह आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि लेबर कमिश्नर चंडीगढ़ की तरफ से भी कंपनी को पूरा वेतन देने के निर्देश आए हैं, लेकिन अब तक वह लागू नहीं हुए हैं। कंपनियों को पूरे पिछले बकाये के साथ उनका वेतन चाहिए।
एम्स निर्माण में इस समय करीब 800 कर्मचारी निर्माण कार्य में लगे हैं और यह कर्मचारी यहां पिछले दो वर्षों से कार्यरत हैं।