शिमला, 06 जुलाई : नारिगा-पीरन-छलंडा सड़क गड्ढों में तबदील हो गई है। लोक निर्माण विभाग ने बीते तीन वर्षों में इस सड़क की मरम्मत के लिए कोई ठोस पग नहीं उठाए गए हैं। जिसके चलते सड़क बदहाली के आंसू बहा रही है। आलम यह है कि सड़क की सारी सोलिंग उखड़ गई है, पूरी सड़क में गड्ढ़े पड़ चुके हैं, जिससे वाहन धारकों को गाड़ी चलानी में परेशानी आ रही है।
बता दें वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत छलंडा-पीरन-नारिगा रोड़ को पक्का किया गया था। 28 किलोमीटर लंबी इस सड़क को पक्का करने पर 9 करोड़ की राशि व्यय की गई थी। सड़क की गारंटी दिसंबर 2019 में समाप्त हो चुकी है। इसके उपरांत लोक निर्माण विभाग उप मंडल जुन्गा ने इस रोड़ के रखरखाव बारे कभी ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि विभाग द्वारा समय समय पर रोड़ की आवश्यक मरम्मत व पेचवर्क किया जाता तो सडक में इतने गड्ढ़ेनहीं पड़ते, अब मरम्मत का कार्य दो गुना बढ़ गया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक यह रोड़ केवल सात टन वाहनों के लिए पास है। जबकि इस रोड़ में 27 टन के टिप्पर व ट्राॅला चलते हैं जिससे सड़क की हालत दयनीय हो चुकी है। ओवरलोड टिप्पर व ट्राॅला पर प्रतिबंध लगाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। पूर्व प्रधान दयाराम वर्मा, बालक राम निर्मोही, प्रीतम ठाकुर, दौलतराम वर्मा सहित अनेक लोगों ने सरकार से नारिगा से पीरन तक पक्का करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने नारिगा से जघेड़ के मध्य खतरनाक ढांक में क्रैश बेरियर लगाने की भी गुहार लगाई गई है। इनका कहना है कि जघेड़ ढांक में क्रैश बेरियर न होने से अनेक हादसे हो चुके हैं और विभाग द्वारा बीेते 26 वर्षों से इस बारे कुछ नहीं किया गया है।
उधर कनिष्ठ अभियंता लोनिवि जुन्गा रमेश ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष केवल पांच किलोमीटर रोड़ को पक्का करने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। सड़क के गड्ढों को शीघ्र भरा जाएगा।