नाहन, 12 जून : चंद रोज पहले हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के कुल्लू डिपो से एक दिलचस्प खबर आई थी। इसमें खुलासा किया गया था कि बेटे की सीटी पर पिता बस की ब्रेक लगाता है। ठीक उसी तर्ज पर नाहन डिपो (Nahan Depot) में भी पिता व बेटे की जोड़ी चर्चा में आई है।
पिता भगत सिंह 2007 से एचआरटीसी के नाहन डिपो में चालक के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। जबकि बेटा 2018 से निगम में परिचालक के पद पर तैनात है। मूलतः पांवटा साहिब उपमंडल के डांडा के रहने वाले बाप-बेटे की कार्यशैली सराहनीय रही है।
22 मई 2007 को भगत सिंह ने रामपुर डिपो (Rampur Depot) में चालक के पद पर तैनाती दी थी। इसके बाद वो 2015 में नाहन डिपो में आ गए। इसके कुछ साल बाद बेटा प्रमोद सिंह भी निगम में कंडक्टर के पद पर नियुक्त हो गया।
2018 में लगभग डेढ़ साल तक लोकल रूटस पर जब बेटा सीटी बजाता था तो पिता को बस की ब्रेक लगानी पड़ती थी या फिर सीटी बजने पर बस चलती थी। लगभग साढ़े तीन साल से पिता व बेटे की जोड़़ी को एक साथ सेवा प्रदान करने का मौका नहीं मिल रहा है। बेटा लाॅन्ग रूट पर सेवाएं प्रदान कर रहा है तो पिता की अधिकतर लोकल रूटस पर सेवाएं चल रही हैं।
बेटे के 2018 में परिचालक बनने के बाद पिता ने उसे प्रशिक्षित भी किया।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की पूरे देश में अलग पहचान है। निगम में एक समय पहले नाहन डिपो भी कमाउ पूत हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे कई कारणों से कमाई घटती चली गई।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में निगम के परिचालक प्रमोद सिंह ने बताया कि इस समय वो द्राबिल-नाहन बस सेवा में तैनात है। प्रमोद ने कहा कि पिता के साथ सेवा देने के दौरान अनुभव बेहद ही रोमांचित करने वाला था। साथ ही काफी कुछ पिता से विरासत में मिला है। उनका कहना है कि लक्ष्य इस बात का है कि एचआरटीसी में बेहतरीन सेवाएं प्रदान की जाएं।
उन्होंने कहा कि परिवहन सेवा में सीधी पब्लिक डिलिंग है। कई बार गहरे संयम से भी कार्य करना पड़ता है। प्रमोद सिंह ने बताया कि पिता ने लंबे अरसे तक रामपुर डिपो में सेवाएं प्रदान की हैं। इत्तफाक से जब वो नाहन डिपो में ट्रांसफर हुए तो इस दौरान उनका चयन भी कंडक्टर के पद पर हुआ था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ रोज से नाहन डिपो में चालक व परिचालक पिता व बेटे की तस्वीर जमकर वायरल हो रही है।