नाहन, 30 मई : सिरमौर में हर माह औसतन तीन व्यक्तियों की मौत नदियों में डूबने से हो रही है। इसमें अधिकांश युवा हैं। 2020 में डूबने से 12 की मौत हुई थी। 2021 में ये आंकड़ा बढ़कर 17 हुआ था, लेकिन 2022 में आंकड़े में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 2022 के मात्र पांच महीनों में ही नदियों में डूबने से 15 लोग अनमोल जीवन गवां बैठे हैं।
28 मई को ही पुलिस ने नदी-नालों में नहाने व तैरने के दौरान सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की थी। बावजूद इसके राजगढ़ उपमंडल में 29 मई को दो व्यक्तियों की डूबने से मौत होने का समाचार आ गया।
औसतन तीन लोगों की मौत हर महीने हुई है। 2022 की बात करें तो मारकंडा नदी में डूबने से चार व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। यमुना नदी में दो व्यक्तियों ने डूबकर जान गंवा दी। राजगढ़ की गिरिनदी में अब तक चार व्यक्तियो की मृत्यु हो चुकी है। कालाअंब में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हुई।
सराहां थाना के अंतर्गत इस साल डूबने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। पुरुवाला थाना के अंतर्गत पांच महीनों में डूबने के कारण तीन लोग अपना जीवन खो चुके हैं। गर्मी की तपिश बढ़ते ही सैलानियों सहित स्थानीय लोग भी नदियों में नहाने उतर जाते हैं। हालांकि, जलस्तर ज्यादा नहीं होता, लेकिन नदी में कुंड का अंदाजा न लग पाने के कारण हादसे हो जाते हैं।
ऐसा भी बताते हैं कि मारकंडा नदी में पानी से कटाव के कारण चट्टानों ने गुफाओं का आकार ले लिया है, इसका अंदाजा तैराक को भी नहीं लगता है। अचानक ही उपर की तरफ उठने पर सिर चट्टान में लगता है। कुल मिलाकर सावधानी बरती जानी चाहिए।