मंडी, 21 मई : पडोह क्षेत्र के लोग बधाई के पात्र हैं। विशेष रूप से पंडोह डैम से विस्थापित परिवार जिनके त्याग, समर्पण और देश प्रेम के कारण आज हम पंडोह डैम को राष्ट्र गौरव के रूप में देख रहे हैं। इन विस्थापित परिवारों की सोना उगलती जमीनों पर आज बीबीएमबी की बड़ी- बड़ी वर्कशॉप है, जवाहर नवोदय विद्यालय है, ट्रांजिट कैंप के साथ-साथ थर्ड आईआरबीएन पंडोह खड़ी है। जिसमें 990 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है।
करोड़ों रुपए की आय बीबीएमबी के माध्यम से देश को प्राप्त हो रही है। जो हमारे लिए देश और प्रदेश के विकास का माध्यम बनी है। मगर हम आज उन विस्थापित परिवारों के दर्द और उनके साथ हो रहे अन्याय को भूल रहे हैं। जो इन परिवारों के साथ धोखा है। हमें इन विस्थापितों की समस्याओं के समाधान के लिए मिलजुल कर प्रयास करने होंगे और उन्हें भी राष्ट्र गौरव के साथ सम्मानजनक जीवन यापन सभी संसाधन जुटाने होंगे। जमीन के बदले जमीन उपलब्ध करवानी होगी। जो इनकी मुख्य मांग है।
मैं व्यक्तिगत रूप से पंडोह डैम विस्थापितों की जमीन के बदले जमीन और रोजगार की मांग का समर्थन करता हूं और इनकी मांग प्राप्ति के लिए विस्थापितों के हर संघर्ष में साथी बनकर सहयोग करूंगा। यह आश्वासन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में रहे प्रदेश के मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश सचिव मंडी के कर्मठ समाजसेवी प्रवीण शर्मा ने पंडोह डैम विस्थापित कल्याण समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे समिति के साथ तन मन धन से सहयोग करेंगे। शर्मा ने कहा कि विस्थापन के दर्द से विस्थापित कर्रा उठे हैं। आज तीसरी पीढ़ी सरकार से जमीन के बदले जमीन की मांग कर रही है। जबकि यह मांग बहुत पहले ही पूरी की जानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि बहुत से विस्थापित परिवारों को जमीनें मिली है। अब कुछ ही परिवार शेष हैं जो जमीन के बदले जमीन नहीं ले सके। बेशक ये विस्थापित 1962 के वक्त विस्थापित नौतोड़ के रूप में मिली जमीन पर बैठे हैं। मगर यह जमीन इनके नाम पर नहीं है। कारण जमीन की मिसल का गुम होना, राजस्व विभाग में आग लगना, जागरूक अथवा साक्षर न होना रहा है। मगर सच तो यह है कि इन्हें जमीन के बदले जमीन नहीं मिली है, जो इनका अधिकार है।
बैठक में समिति के प्रधान बीआर भाटिया ने प्रवीण शर्मा के सहयोग और आश्वासन का स्वागत और धन्यवाद किया। भाटिया ने कहा कि हम जमीन के बदले जमीन मांगते हैं जो हमारा हक है और हम अपना हक लेकर ही दम लेंगे। निश्चित रूप से शुक्रवार की बैठक एक सफल बैठक रही है जिसमें विस्थापितों की समस्याओं के समाधान की रणनीति बनाई गई। इससे पहले अतिथि देवो भव परंपरा का निर्वहन करते हुए वयोवृद्ध विस्थापित हरीश चन्द्र बैहल ने मुख्य अतिथि प्रवीण शर्मा को टोपी पहना कर सम्मानित किया।