शिमला (एमबीएम न्यूज़) : कंफीडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की हिमाचल इकाई ने प्रदेश में टिकाऊ तथा सक्षम औद्योगिकरण की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि उद्योग विभाग ने मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में विभाग में उद्योगों के पंजीकरण से लेकर सभी प्रस्तावों को विभिन्न प्रक्रियाओं में ऑनलाइन करने के फैसले से नई औद्योगिक इकाइयों को प्रदेश में आने से प्रोत्साहन मिला है।
आज एक पत्रकार सम्मेलन में कंफीडरेशन के अध्यक्ष संजय खुराना तथा पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं के ऑनलाइन करने तथा नए प्रस्तावों को 90 दिनों के स्थान पर 45 दिनों में मंजूर करने से प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला है और बची-खुची भ्रष्टाचार की प्रक्रियाओं की भी समाप्ति हुई है। खुराना ने कहा कि प्रदेश से औद्योगिक पैकेज वापिस लेने के बाद उद्योगों का राज्य से पलायन होने की बातें भ्रांतिपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि दो-चार प्रतिशत इकाइयों का बंद होना या कही और स्थानांतरित करना एक सामान्य प्रक्रिया होती है और जिन्होंने करोड़ो रूपये का पूंजी निवेश करके प्रदेश में उपलब्ध सुविधाओं के दृष्टिगत अपने उद्योग लगाए हैं, उनका पलायन कहा जाना एक दुष्प्रचार है।
एक प्रश्न के उत्तर में संजय खुराना ने कहा कि सीआईआई ने जो भी शिफारिशें प्रदेश सरकार को की थी, उनको मान लिया गया है, जिसमें उद्योगों के विस्तारीकरण को भी वही सुविधाएं दी गई हैं, जो नए उद्योगों को उपलब्ध हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा अभी श्रम कानूनों में सुधार लाने में तेजी की आवश्यकता है।
खुराना और गुलेरिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा देश के विभिन्न शहरों में उद्योगों द्वारा आयोजित औद्योगिक सेमीनारों से प्रदेश में दो-तीन हजार से भी अधिक का पूंजीनिवेश हुआ है। सीआईआई की हिमाचल में एक ऐसा ही बड़ा औद्योगिक सम्मेलन आगामी मई-जून में आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश के नामी औद्योगिक घराने भाग लेंगे, ताकि वे प्रदेश में पूंजीनिवेश करने से पूर्व यहां के शांतिपूर्ण माहौल, पर्यावरण, सस्ती बिजली तथा स्वच्छ वातावरण को व्यक्तिगत रूप से देख सकें।
खुराना ने कहा कि सीआईआई का मानना है कि हिमाचल प्रदेश की अफसरशाही को किसी भी समस्या के हल करने के लिए आसानी से अपरोच किया जा सकता है और अफसरशाही से इसके लिए तुरंत सहयोग उपलब्ध होता है। दोनों उद्योगपतियों ने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला तथा नालागढ़ क्षेत्र को रेल लाईन से जोड़ने की बहुत जरूरत है और इस परियोजना को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से प्रस्तावित मैट्रो संपर्क द्वारा तीनों शहरों को जोड़ने की प्रक्रिया का विस्तार चंडीगढ़ के निकट मुल्लापुर से बद्दी तक किया जाना चाहिए, ताकि इस औद्योगिक क्षेत्र को लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि नालागढ़-बद्दी क्षेत्र की चार लेनिंग परियोजना को जल्दी पूरा किए जाने की जरूरत है। सीआईआई की ओर से सोलन तथा सिरमौर जिलों में लड़कियों के शस्तिकरण की प्रक्रिया में जागरूकता लाने और उन्हें अपने कैरियर के प्रति जागरूक करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिसकी फंडिंग कंफीडरेशन करेगा। इस प्रक्रिया में प्रदेश की कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा। यदि ये प्रक्रिया सफल रही, तो ऐसी परियोजना अन्य जिलों में शुरू की जाएगी।
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