मंडी, 17 अप्रैल : दो जवान बेटियों के साथ बीते 13 सालों से एक महिला गौशाला में जिंदगी बसर कर रही है। 47 साल की सरस्वती देवी कोटली उपमंडल के तहत के खलाणू गांव में रह रही है। सरस्वती का मायका पनारसा में है,इस गांव उसकी शादी राजकुमार से हुई थी। बीते 17 वर्षों से पति-पत्नी अलग रह रहे हैं। सरस्वती की दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी 22 वर्षीय निवेदिता है,छोटी बेटी 19 वर्षीय सुमन है। निवेदिता एमए की पढ़ाई कर रही है जबकि सुमन ग्रेजुएशन कर रही है।
खुद सरस्वती मिड-डे-मिल पकाकर बेटियों का पालन पोषण कर रही है। पहले सरस्वती पति के पुराने घर में रहती थी, लेकिन बाद में वह ढह गया। इसके बाद गौशाला में शरण लेनी पड़ी। 13 वर्षों से इसी गौशाला में जीवन यापन हो रहा है। न तो इस परिवार के पास शौचालय है और न ही नहाने के लिए बाथरूम। घर के बाहर पर्दों के सहारे से नहाने के लिए एक जगह बनाई है। तीनों मां-बेटियां यहीं पर नहाती हैं।
गौशाला में ही चूल्हा बनाया गया है,साथ ही सोने का बिस्तर भी लगा है। निवेदिता ने बताया कि मां बड़ी मुश्किल से घर को चला पा रही है। परिवार बीपीएल में भी शामिल है, लेकिन प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री आवास योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इस संदर्भ में पंचायत को भी आवेदन दिया है,डीसी मंडी से भी मदद की गुहार लगाई है।
खंड विकास अधिकारी सदर प्रियंका वर्मा ने बताया कि आवास योजना का लाभ देने के लिए प्रार्थी के नाम पर जमीन होना अनिवार्य है। महिला या इसकी बेटियों के नाम पर जमीन नहीं है इस कारण आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जमीन महिला के पति के नाम पर है। यदि महिला इस पति से जमीन का हलफनामा उपलब्ध करवा देती है तो विभाग इस पर आगामी कार्रवाई अमल में ला सकता है। क्योंकि कागजों में महिला और उसके पति का एक ही परिवार है।