मंडी, 2 अप्रैल : से हिन्दू नव वर्ष विक्रमी संवत 2079 व चैत्र नवरात्रि शुरू होते ही छोटी काशी मंडी के विभिन्न मंदिरों में माता के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लग गया है। मंडी शहर के माता सिद्ध काली, माता भीमकाली और टारना माता मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों में शनिवार सुबह से ही श्रद्धालु अपनी हाजरी भर रहे हैं।
मंदिर प्रबंधन द्वारा सुबह ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए हैं। इसके साथ ही शक्ति पीठों में इस दौरान विभिन्न धार्मिक आयोजन भी शुरू हो गए हैं। चौत्र नवरात्रों में माता आदि शक्ति के नौ स्वरूपों की प्रतिदिन पूजा की जाती है। नवरात्रों के दौरान कोरोना महामारी के चलते दो साल मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद थे और अब बंदिशों के हटने के बाद मंदिरों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है।
नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में माता शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की गई। इसके साथ ही मंडी शहर में विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा हिन्दू नव वर्ष पर लोगों को मीठाई भी बांटी गई व सभी को नव वर्ष की बधाई दी। बता दें कि पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने से माता आदि शक्ति का नाम शैलपुत्री पड़ा और नवरात्रों में सर्व प्रथम देवी शैलपुत्री के दर्शन पूजन का विधान है।
मंडी शहर के बीचों बीच स्थित माता सिद्ध काली के पुजारी जगदीश शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रों का विशेष महत्व होता है और जो लोग इन नवरात्रों में व्रत रखते हैं और माता की पूजा पूरी श्रद्धा भाव से करते हैं जो मां आदि शक्ति उन सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है।