शिमला/देहरादून, 21 मार्च : हिमाचल के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भाजपा रिपीट करने में सफल हुई है। सोमवार शाम भाजपा ने सीएम के पद पर पुष्कर धामी की ताजपोशी की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
दो पहाड़ी राज्यों में पार्टी ने अलग तरीका अपनाया है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता व मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने सिरमौर के राजगढ़ में प्रो. प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट घोषित किया था। पार्टी ने सत्ता का जादुई आंकड़ा तो हासिल कर लिया था, लेकिन वो अपना चुनाव हार गए।
पार्टी की जद्दोजहद मंे कई चेहरे सामने आए थे। इसमें एक मर्तबा भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की भी सीएम पद पर चर्चाएं होने लगी थी, लेकिन नड्डा ने शिमला आकर तमाम अटकलों पर उस समय विराम लगा दिया था, जब विधायक दल की सहमति के बाद जयराम ठाकुर को सीएम के पद पर काबिज कर दिया।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में पुष्कर धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए। दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर क्यास चल रहे थे। इसको लेकर जबरदस्त प्रदर्शन भी हुए। शायद, भाजपा ने इस बात को ही माना होगा कि पार्टी के लिए मिशन रिपीट को कामयाब करने वाला सेनापति हार कर भी सिकंदर है। इसी के चलते दोबारा कमान सौंप दी गई है।
आपको बता दें कि हिमाचल के शिमला व सिरमौर की करीब पांच से 7 विधानसभा सीटों का सीधा जुड़ाव उत्तराखंड से है। रिश्तेदारियां भी हैं, साथ ही टौंस नदी के पार दुख-सुख में भी हिस्सा लिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि पुष्कर धामी उत्तराखंड के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बीजेपी नेताओं की बैठक में धामी को विधायक दल का नेता चुना गया। 2017 में भाजपा ने ये फार्मूला बनाया था कि विधायक दल से ही सीएम बनना चाहिए। लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं किया गया है।
धूमल को विधायक बनाने की मंशा से कई नेताओं ने अपनी-अपनी सीट छोड़ने का भी ऐलान किया था, ताकि वो सीएम बनकर उनके हलके से चुनाव लड़ सकें।